पहलगाम में आतंक का नया चेहरा: धर्म पूछा, कलमा पढ़वाया और फिर 26 पर्यटकों को गोलियों से भून डाला dala Aajtak24 News

 

पहलगाम में आतंक का नया चेहरा: धर्म पूछा, कलमा पढ़वाया और फिर 26 पर्यटकों को गोलियों से भून डाला dala Aajtak24 News

जम्मू-कश्मीर - जम्मू-कश्मीर की सुरम्य वादियों में बसे पहलगाम की वह दोपहर, इंसानियत के लिए सबसे भयावह साबित हुई। ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर आतंक ने धर्म के नाम पर जो खूनी खेल खेला, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। लोकल पुलिस की वर्दी में छिपे वहशी आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका नाम पूछा, फिर धर्म, और फिर जबरन कलमा पढ़ने को कहा। जो नहीं पढ़ सका या हिचकिचाया, उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया। हमलावर सुनियोजित तरीके से आए थे। चेहरे मास्क से ढके थे, और चाल पुलिस जैसी थी—जिससे किसी को अंदेशा तक नहीं हुआ कि ये दरअसल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी हैं। घटना बैसरन क्षेत्र में हुई, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक मना रहे थे, खच्चर की सवारी कर रहे थे। हमले में 26 मासूमों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने खासतौर पर हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया। यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटन सीजन अपने चरम पर था और विदेशी मेहमान भारत भ्रमण पर थे। इस हमले ने न सिर्फ कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया कि मजहबी नफरत की आग कितनी निर्दयी हो सकती है। पहलगाम की फिजा अब भी गोलियों की गूंज से कांप रही है — और देश सवाल पूछ रहा है: क्या सिर्फ मजहब न मानने पर किसी को मारा जा सकता है?

हमलावर बने 'रक्षक' — पुलिस की वर्दी में आए आतंकी

प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और चेहरे नकाब में ढके हुए थे। घटनास्थल पर मौजूद पुणे की पर्यटक आसावरी ने बताया कि आतंकियों ने पहले सभी पर्यटकों को एकत्र किया, पुरुषों को महिलाओं से अलग किया और फिर एक-एक से उनका नाम और धर्म पूछा।

“उन्होंने कहा, कलमा पढ़ो... और जो नहीं पढ़ पाया, उसे तुरंत गोली मार दी गई,” — आसावरी की यह गवाही पूरे देश को सुन्न कर देने वाली है।

सुनियोजित नरसंहार: आतंकियों का टारगेट हिंदू पर्यटक

हमले में मारे गए अधिकांश लोग हिंदू पुरुष हैं। अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों ने खासकर पुरुषों को निशाना बनाया। आतंकियों ने न सिर्फ पहचान पूछी, बल्कि उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जो असमर्थ रहे या डर से चुप हो गए, उन्हें वहीँ ढेर कर दिया गया। कुल 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं।

खच्चर, कैमरा और खून — बैसरन की खूबसूरत धरती पर नफरत का खेल

बैसरन का मैदान, जो चीड़ के पेड़ों और हरे-भरे मैदानों से घिरा है, आमतौर पर पिकनिक, ट्रैकिंग और खच्चर की सवारी के लिए मशहूर है। लेकिन इस बार पर्यटकों के कैमरे खूनी दृश्यों को कैद कर बैठे। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग चीखते-चिल्लाते इधर-उधर भागते रहे।

जिम्मेदारी ली 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने — लश्कर का छद्म चेहरा

पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन ‘The Resistance Front’ (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह वही संगठन है जो बीते कुछ वर्षों में कश्मीर में टारगेट किलिंग्स और गैर-मुस्लिमों पर हमलों के लिए कुख्यात हो चुका है। सूत्रों का मानना है कि आतंकी किश्तवाड़ के रास्ते दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग से होते हुए पहलगाम पहुंचे। हमले का समय भी बेहद सोचा-समझा गया — दोपहर 3 बजे जब सबसे अधिक पर्यटक स्थल पर मौजूद होते हैं।

केंद्र सरकार सतर्क — अमित शाह पहुंचे श्रीनगर, हाई लेवल बैठक

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को स्थिति की जानकारी दी और स्वयं श्रीनगर पहुंचकर उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की एक विशेष टीम को घटनास्थल पर भेजा है जो आतंकियों के नेटवर्क और स्थानीय मददगारों का पता लगाएगी।

कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बोले — "यह हमला सिर्फ पर्यटकों पर नहीं, कश्मीरियत पर हमला है"

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस हमले को बीते वर्षों का सबसे जघन्य हमला करार दिया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ 26 जानों का नुकसान नहीं, बल्कि पर्यटन पर, भाईचारे पर और कश्मीरियत की आत्मा पर हमला है।”

देशभर में गुस्सा — संसद में गूंजा मामला

हमले के बाद देशभर में गुस्सा है। विपक्ष ने केंद्र सरकार से हमले पर जवाब मांगा है। संसद के दोनों सदनों में श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया।

कश्मीर के भविष्य पर प्रश्नचिह्न

घाटी में आतंकी हिंसा की वापसी ने कश्मीर के पर्यटन और निवेश को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। जहां एक ओर सरकार "नया कश्मीर" की बात करती है, वहीं ऐसे हमले उसकी नींव को हिला देते हैं।

घायल पर्यटकों का इलाज जारी, सुरक्षा बढ़ाई गई

हमले में घायल पर्यटकों का इलाज श्रीनगर के SKIMS अस्पताल और अनंतनाग जिला अस्पताल में किया जा रहा है। सुरक्षा बलों ने पूरे पहलगाम क्षेत्र को सील कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है। ड्रोन और हेलीपैड की सहायता से भी निगरानी रखी जा रही है।


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