TRF का आतंक: पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा का खतरनाक गठजोड़ gathjod Aajtak24 News

 

TRF का आतंक: पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा का खतरनाक गठजोड़ gathjod Aajtak24 News 

नई दिल्ली - द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) एक पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रॉक्सी संगठन है। इस संगठन का गठन 2019 में हुआ, खासकर जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद। TRF का उद्देश्य कश्मीर में भारतीय राज्य के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के बीच असंतोष फैलाना है। इस संगठन की शुरुआत एक ऑनलाइन यूनिट के रूप में हुई थी, जो बाद में तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद जैसे स्थानीय उग्रवादी समूहों के तत्वों से जुड़ी। TRF का गठन मुख्य रूप से कश्मीरी उग्रवाद को एक स्थानीय और धार्मिक चेहरा देने के लिए किया गया, ताकि यह पाकिस्तान आधारित लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों की तुलना में अधिक स्वदेशी दिखे। TRF को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन प्राप्त है और यह कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम करता है। यह संगठन कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमलों की जिम्मेदारी लेता है और इलाके में "जनसांख्यिकीय परिवर्तन" का विरोध करता है। TRF को जनवरी 2023 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। संगठन का प्रमुख शेख सज्जाद गुल है, जो UAPA के तहत आतंकवादी करार दिया गया है और भारतीय एजेंसियों ने उसके खिलाफ इनाम घोषित किया है। TRF ने कश्मीर घाटी में पत्रकारों को धमकी दी है और कई उच्च-प्रोफाइल हमलों में शामिल रहा है।

हमले के पीछे की मानसिकता और विचारधारा

TRF ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेते हुए यह सफाई दी कि उनका उद्देश्य "जनसांख्यिकीय परिवर्तन" को रोकना है।

उनका दावा है कि:

  • भारत सरकार ने 85,000 से अधिक गैर-कश्मीरियों को अधिवास प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) जारी किए हैं।

  • ये डोमिसाइल धारक अब "स्थायी रूप से बसने" और "कश्मीर की ज़मीन पर अधिकार जताने" लगे हैं।

  • ये तथाकथित बदलाव, उनकी दृष्टि में, "कश्मीरी पहचान" को खतरे में डाल रहे हैं।

TRF ने इस आधार पर उन निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया जो मात्र पर्यटन के लिए घाटी आए थे, लेकिन आतंकियों ने उन्हें "स्थायी बसने वाले" मान लिया।

TRF के खतरनाक और घातक क्रियाकलाप

TRF का आतंकवाद केवल हिंसा तक सीमित नहीं है, यह एक संगठित तंत्र की तरह काम करता है जो कई स्तरों पर देश विरोधी गतिविधियों में संलग्न है:

  1. आतंकी हमलों की योजना बनाना और उन्हें अंजाम देना

  2. भारतीय सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की हत्या करना

  3. पाकिस्तान से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी करना

  4. घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़कर उन्हें आतंकवादी बनाना

  5. सीमा पार से घुसपैठ कराने में मदद करना

  6. पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को धमकियाँ देना ताकि असहमति की आवाज़ दब सके।

TRF का सरगना: शेख सज्जाद गुल

TRF का शीर्ष नेता शेख सज्जाद गुल है। वह एक प्रशिक्षित आतंकी है और पाकिस्तान में ISI की निगरानी में सुरक्षित स्थान पर रहकर कश्मीर घाटी में हिंसा की साजिशें रचता है।

  • भारत सरकार ने उसे UAPA के तहत आतंकवादी घोषित किया है।

  • उसके सिर पर भारी इनाम रखा गया है।

  • सज्जाद गुल पर कई हाई-प्रोफाइल हमलों का मास्टरमाइंड होने का आरोप है।

वह भारत में युवाओं को बरगलाकर TRF की ओर आकर्षित करता है और उन्हें हथियार, पैसे और प्रशिक्षण की पेशकश करता है।

अंतरराष्ट्रीय निगरानी से बचने की रणनीति

TRF की ब्रांडिंग एक सोची-समझी रणनीति है ताकि इसे ‘स्वतंत्रता आंदोलन’ या ‘प्राकृतिक प्रतिरोध’ जैसा दिखाया जा सके। इसका उद्देश्य है:

  • FATF (Financial Action Task Force) जैसी वैश्विक निगरानी एजेंसियों की जांच से बचना।

  • TRF को धार्मिक आतंकवाद के बजाय स्थानीय असंतोष का प्रतीक बनाकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश करना।

  • नाम में "रेजिस्टेंस" जैसे शब्द का प्रयोग कर इसे वैश्विक राजनीति में इस्तेमाल होने वाले "सेक्युलर प्रतिरोध" जैसा प्रस्तुत करना।

यह सब इसलिए ताकि पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से निकल सके और दुनिया को यह झूठा भरोसा दिला सके कि वह आतंक को समर्थन नहीं देता।

भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया

हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए:

  • श्रीनगर में एक हाई लेवल सुरक्षा समीक्षा बैठक की।

  • सभी सुरक्षा एजेंसियों को "ऑपरेशन ट्रैक डाउन" नामक एक संयुक्त आतंक-रोधी अभियान चलाने का आदेश दिया।

  • प्रधानमंत्री मोदी को सऊदी अरब में उनकी यात्रा के दौरान इसकी जानकारी दी गई और आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति को दोहराया गया।

इसके अतिरिक्त, घायलों के इलाज के लिए एयरलिफ्ट की व्यवस्था की गई और स्थानीय प्रशासन को पुनर्वास और मुआवजा देने के निर्देश दिए गए।

निष्कर्ष: TRF केवल संगठन नहीं, विचारधारा है

TRF कोई सामान्य आतंकी समूह नहीं है, यह पाकिस्तान की एक साजिश है जो कश्मीर को अस्थिर रखने की मंशा से संचालित होती है। इसका उद्देश्य केवल हिंसा नहीं, बल्कि घाटी की धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान को घृणा और भय में बदलना है। इस प्रकार की आतंकी घटनाएं भारत को और अधिक सतर्क रहने और आतंक के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई की ओर प्रेरित करती हैं।


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