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शासकीय सेवकों के अनुशासनहीन आचरण पर सख्त कार्रवाई, रीवा में पटवारी को निलंबित किया kiya Aajtak24 News |
रीवा - शासन की गरिमा और शासकीय कर्मचारियों के आचरण संबंधी नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की गई है। तहसील मनगवां के पटवारी श्री जयलाल प्रजापति का एक वीडियो 23 फरवरी 2025 को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे सार्वजनिक स्थल पर शराब का सेवन, धूम्रपान और अभद्र आचरण करते हुए नजर आए। इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि यह कृत्य शासकीय सेवक के आचार संहिता के स्पष्ट उल्लंघन के रूप में देखा गया है। इस अनुशासनहीनता के कारण न केवल शासन और प्रशासन की छवि धूमिल हुई है, बल्कि जनता के बीच शासकीय सेवकों के प्रति विश्वास भी प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से श्री जयलाल प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई की। जिला कलेक्टर रीवा, श्रीमती प्रतिभा पाल और अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), श्री पी. एस. त्रिपाठी द्वारा श्री जयलाल प्रजापति को निलंबित करने का निर्णय लिया गया। निलंबन आदेश के तहत, श्री जयलाल प्रजापति को तहसील कार्यालय मनगवां में संबद्ध किया गया है। इसके साथ ही, निलंबन अवधि के दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, जिसके आधार पर आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में विशेष रूप से "विंध्य वसुंधरा" समाचार पत्र द्वारा किए गए प्रकाशन के बाद प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लिया। प्रशासन का यह कदम शासकीय सेवकों के अनुशासन और कार्यस्थल पर मर्यादा बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इसके अलावा, यह अन्य शासकीय कर्मचारियों के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि यदि वे सार्वजनिक स्थल पर अनुचित आचरण, नशा सेवन या किसी अन्य अनुशासनहीन गतिविधि में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इस निर्णय से तहसील मनगवां के अन्य शासकीय कर्मचारियों में भय और अनुशासन की भावना उत्पन्न हुई है। प्रशासन ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया है कि शासकीय सेवकों का आचरण शासन की गरिमा के अनुरूप होना चाहिए और किसी भी स्थिति में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाइयां शासकीय सेवकों में अनुशासन को प्रोत्साहित करने और शासन के प्रति विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई शासकीय सेवकों के लिए एक उदाहरण बनी है और यह दिखाती है कि शासन और प्रशासन कर्मचारियों के अनुशासन को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं।