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अवैध खाद्य विक्रय पर प्रशासन की सख्ती, जनता में संदेह: प्रशासन को पारदर्शिता की आवश्यकता aavsyakta Aajtak24 News |
रीवा - रीवा महाकुंभ में सम्मिलित होने वाले यात्रियों को शुद्ध और उचित दर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। कलेक्टर रीवा के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, तथा नापतौल विभाग की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया है, जिसने मनगवां बाईपास स्थित विभिन्न ढाबों और रेस्टोरेंट्स की जांच की और कई गंभीर अनियमितताएँ उजागर की हैं।
जांच के दौरान सामने आईं गंभीर अनियमितताएँ
टीम ने जांच के दौरान वृंदावन ढाबे में गोभी की पुरानी सब्जी और खराब मावा फ्रीजर में पाया, जिसे तत्काल नष्ट कराया गया। इसके अलावा, ढाबा संचालक के पास आवश्यक लाइसेंस नहीं था, जिसके चलते प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। नापतौल विभाग ने यहां से दो घरेलू सिलेंडर भी ज़ब्त किए। इसी प्रकार, यूपी-बिहार ढाबा में घरेलू सिलेंडर का अवैध उपयोग और बिना लाइसेंस ढाबा संचालन की पुष्टि हुई, जिससे प्रशासन की कार्यवाही और सख्त हो गई। इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा टीम ने क़दमव वाटिका ढाबा, माँ अन्नपूर्णा ढाबा और रेस्टोरेंट मढ़िकला की भी जाँच की, जिसमें खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की पुष्टि हेतु नमकीन और पनीर के नमूने एकत्र किए गए। प्रशासन ने अवमानक पनीर की आपूर्ति की आशंका के मद्देनजर गढ़ स्थित सुजीत स्टेशनरी और श्रीराम किराना दुकान से भी पनीर के नमूने जांच के लिए भेजे।
जनता में संदेह, प्रशासन की निष्पक्षता पर उठ रहे सवाल
हालांकि, प्रशासन की इन कार्रवाइयों के बावजूद, स्थानीय जनता में प्रशासन की निष्पक्षता को लेकर संदेह बना हुआ है। आमजन का कहना है कि कई ढाबों में गुणवत्ताहीन खाद्य सामग्री बेची जा रही है, फिर भी कुछ अधिकारी इसे गुणवत्ता पूर्ण बता रहे हैं। लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जब तक खाद्य सामग्री की पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक उसकी गुणवत्ता पर टिप्पणी करना कितना उचित है। इसके अलावा, जनता यह भी जानना चाहती है कि प्रशासन ने ढाबों और होटलों के लाइसेंस जारी करते समय नियमों का पालन किया था या नहीं। इन मुद्दों पर प्रशासन को पारदर्शिता दिखानी होगी ताकि लोगों का विश्वास बहाल किया जा सके।
प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता की माँग
जनता में यह भी चर्चा है कि कुछ अधिकारी निरीक्षण के नाम पर दुकानों से अवैध रूप से वसूली कर रहे हैं। यदि ऐसा हो रहा है, तो प्रशासन को इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया जाए कि ढाबों और होटलों की गुणवत्ता तय करने के लिए किन मानकों का पालन किया जा रहा है।
आगे की कार्रवाई और प्रशासन की जिम्मेदारी
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि वह रीवा महाकुंभ के दौरान खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। लेकिन जनता का विश्वास तभी बहाल हो सकता है जब प्रशासन सभी संदेहों का समाधान पारदर्शी तरीके से करेगा। अब यह देखना होगा कि प्रशासन आगे किस प्रकार की कार्रवाई करता है और दोषियों पर कितनी सख्त कार्रवाई की जाती है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे पूर्ण रूप से निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि जनता का विश्वास कायम रहे और महाकुंभ में आने वाले यात्रियों को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके।