परिवहन विभाग की अनधिकृत चेक पोस्टों पर भ्रष्टाचार, प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में me Aajtak24 News

परिवहन विभाग की अनधिकृत चेक पोस्टों पर भ्रष्टाचार, प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में me Aajtak24 News 

रीवा - मऊगंज जिले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देशों के बावजूद परिवहन विभाग की अनधिकृत चेक पोस्टों का संचालन जारी है। इन चेक पोस्टों पर सुहागी पहाड़ और हनुमान चौकिया जैसे स्थानों पर 24 घंटे अवैध वसूली हो रही है, जो न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का भी एक नया अध्याय उजागर करता है। मुख्यमंत्री ने सभी चेक पोस्टों को बंद करने का स्पष्ट आदेश दिया था ताकि जनता को अनावश्यक परेशानियों और भ्रष्टाचार से राहत मिल सके। बावजूद इसके, रीवा संभाग में इन आदेशों की अनदेखी करते हुए चेक पोस्टों को दोबारा चालू किया गया है। यह सवाल खड़ा करता है कि इन चेक पोस्टों का संचालन कौन कर रहा है और मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद किसके संरक्षण में यह सब चल रहा है?

खाकी वर्दी में तैनात कौन लोग?

चेक पोस्टों पर खाकी वर्दी में लोग तैनात होते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे परिवहन विभाग के अधिकृत कर्मचारी हैं या फिर अनधिकृत व्यक्ति। अगर ये अनधिकृत लोग हैं, तो संबंधित थाना क्षेत्र और जिले के पुलिस अधीक्षक इस पर क्या कदम उठा रहे हैं?

टूरिस्ट परमिट और ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली

चेक पोस्टों पर टूरिस्ट परमिट और ओवरलोड वाहनों से अवैध सेवा शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। सूत्रों का कहना है कि यह अवैध कमाई करोड़ों रुपये प्रतिमाह तक पहुंच रही है। यह धनराशि किसकी जेब में जा रही है और इस पूरे नेटवर्क को कौन संचालित कर रहा है, यह जांच का विषय बन गया है।

आरटीओ कार्यालय में अनियमितताएं

रीवा आरटीओ कार्यालय में भी कई अनधिकृत व्यक्तियों के कार्यरत होने की खबरें हैं, जिनकी नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इन व्यक्तियों को किसी अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है। क्या इनकी नियुक्ति वैध है और क्या यह गतिविधियां विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में हैं? यह बड़ा सवाल है।

संपत्ति में असामान्य वृद्धि

सूत्रों का यह भी दावा है कि परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति में अचानक भारी वृद्धि हुई है। इस संपत्ति का स्रोत और इसमें अनधिकृत व्यक्तियों की भूमिका की जांच की आवश्यकता है। क्या इन संपत्तियों का संबंध इन अनियमित गतिविधियों से है?

जांच और कार्रवाई की मांग

प्रदेश के मुखिया से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें और एक व्यापक जांच अभियान चलाकर दोषियों को चिन्हित करें। यदि प्रदेश भर में ऐसी गतिविधियों की जांच की जाए, तो कई बड़े रहस्य सामने आ सकते हैं।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

जब इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो अधिकांश ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क संभव नहीं हो सका। यह स्थिति प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। क्या यह सब अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है?

जनता में आक्रोश और प्रशासन की चुप्पी

रीवा-मऊगंज की जनता इस स्थिति को लेकर बेहद नाराज है। मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद चेक पोस्टों का संचालन एक गंभीर मुद्दा है। क्या जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक इस पर ध्यान देंगे? या यह मामला भी अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की तरह जांच और फाइलों तक सीमित रह जाएगा?

यह मामला भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है और प्रशासन व शासन के आदेशों की अवहेलना का प्रतीक बन चुका है। यदि समय रहते इन चेक पोस्टों को बंद नहीं किया गया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं का बड़ा उदाहरण बन जाएगा। जनता को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारी इस मामले में कठोर कदम उठाएंगे और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएंगे।



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