पति को पत्नी की प्रताड़ना से न्याय की गुहार,पत्नी बच्चों और लाखों के सामान के साथ युवक के संग फरार farar Aajtak24 News |
बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
रामसूजन के लिए सबसे बड़ा संकट यह है कि इस घटना के बाद उनके दो छोटे बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। ठंड का मौसम है और वे जानना चाहते हैं कि उनके बच्चे किस हालत में होंगे और कहां होंगे। उनका यह डर पूरी तरह से जायज है क्योंकि बच्चों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
पुलिस की स्थिति और कार्रवाई
रामसूजन ने अपनी शिकायत के बाद गढ़ पुलिस से मदद की गुहार लगाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक पत्नी और बच्चों का कोई सुराग नहीं मिल सका है। गढ़ पुलिस ने यह भी बताया कि चूंकि सरोज यादव बालिग हैं, इसलिए कानूनी प्रक्रिया के तहत इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, पुलिस टीम ने छानबीन शुरू कर दी है और संदेह के आधार पर उस अज्ञात युवक की भी तलाश की जा रही है, जिसके साथ सरोज यादव फरार हुई हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी संभावित स्थानों पर खोजबीन की जा रही है और हर पहलू की जांच की जा रही है।
रामसूजन की अपील
रामसूजन ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से निवेदन किया है कि उनकी पत्नी और बच्चों को जल्द से जल्द ढूंढा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी पत्नी उनके साथ नहीं रहना चाहती, तो वह उसे स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार देंगे, लेकिन बच्चों की जिम्मेदारी उन्हीं को सौंपी जाए ताकि वे उनका अच्छे से लालन-पालन और शिक्षा का प्रबंध कर सकें।
रामसूजन का कहना है कि बच्चों के साथ उनका emotional और सामाजिक जुड़ाव है, और वह उनके बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष करेंगे। वह प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि वे इस मामले में गंभीरता से कदम उठाएंगे ताकि उनके बच्चों की देखभाल हो सके और उनकी पत्नी को उचित न्याय मिल सके।
परिवार और समाज में आक्रोश
इस घटना के बाद गांव में हलचल मच गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना सिर्फ रामसूजन के लिए एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक और पारिवारिक मूल्य का उल्लंघन है। गांव के लोग भी इस मामले में रामसूजन का समर्थन कर रहे हैं और उनके पक्ष में आवाज उठा रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में पारिवारिक रिश्तों को कमजोर करती हैं और समाज के मूलभूत सिद्धांतों पर आघात करती हैं।
आगे की कार्रवाई और उम्मीदें
फिलहाल इस मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। क्या रामसूजन को न्याय मिलेगा? क्या उनकी पत्नी और बच्चे सुरक्षित मिल पाएंगे? ये सवाल अब गांव और समाज में चर्चा का विषय बने हुए हैं। रामसूजन और उनके परिवार के लोग प्रशासन से त्वरित और सख्त कदम उठाने की अपील कर रहे हैं, ताकि बच्चों की सुरक्षित वापसी हो सके और परिवार को न्याय मिल सके।
निष्कर्ष
यह मामला न केवल एक पारिवारिक विवाद का है, बल्कि एक व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता का भी प्रतीक बन गया है। प्रशासन की त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। साथ ही यह समाज को यह सिखाने का मौका भी देता है कि पारिवारिक रिश्तों का सम्मान और सुरक्षा कितनी जरूरी है।