गौरेला पेंड्रा मरवाही – राज्य शासन द्वारा आम जनता को बेहतर यातायात सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न मार्गों पर निजी यात्री वाहनों का संचालन किया जाता है। इन वाहनों में सफर करने वाले दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों, एचआईवी पीड़ितों, और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के व्यक्तियों को किराए में छूट देने का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार के नियमों के अनुसार, दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से असमर्थ और वरिष्ठ नागरिकों (जो 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं), एचआईवी और एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को यात्री किराए में 100 प्रतिशत छूट दी जाती है। वहीं, नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों को 50 प्रतिशत छूट दी जाती है। यह कदम इन वर्गों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें बेहतर यात्रा सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।
त्योहारी सीजन में यात्रा करने वालों की संख्या में वृद्धि के कारण अवैध वसूली की शिकायतें बढ़ने की संभावना थी। इस पर रोक लगाने के लिए राज्य के परिवहन विभाग ने कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अधिक किराया वसूली की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें और ऐसे यात्री वाहनों के खिलाफ नियमानुसार विधिक कार्यवाही करें।
इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आम नागरिकों को किराया दरों के बारे में पूरी जानकारी हो, यात्री बसों में किराया सूची चस्पा की जाए। विभागीय प्रवर्तन अमले ने इस दिशा में कार्यवाही करते हुए 340 यात्री वाहनों की जांच की, जिसमें से कई वाहन निर्धारित किराए से अधिक वसूलते पाए गए। इन वाहनों पर कुल 4,47,800 रुपये का समन शुल्क वसूल किया गया।
परिवहन विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी यात्री बस में किराए में छूट नहीं दी जाती है या अवैध रूप से अधिक किराया लिया जाता है, तो वे इसकी शिकायत संबंधित परिवहन अधिकारी से करें। विभाग ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस तरह की कार्रवाइयों से सरकार का उद्देश्य यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करना और अवैध वसूली को रोकना है, ताकि आम जनता को बेहतर और सुरक्षित यातायात सेवाएं मिल सकें।