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लोकायुक्त पुलिस ने की कार्रवाई, 4 लाख में तय हुआ था सौदा |
इंदौर - एक लाख रुपए रिश्वत ले रही जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) शीला मरावी को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ धर लिया। सूत्र बताते हैं कि मरावी ने 4 लाख रुपए रिश्वत मांगी, जिसके एक लाख रुपए देना तय हुए। इसी बीच रिश्वत लेते डीपीसी मरावी को रंगेहाथ धर लिया गया। जानकारी अनुसार कार्रवाई की शुरुआत उस समय हुई जब आवेदक दिलीप बुधानी, जो ट्रेजर टाउन बिजलपुर के संचालक हैं,ने शिकायत दर्ज कराई। बुधानी जो एमपी पब्लिक स्कूल और एमपी किड्स स्कूल के संचालन में संलग्न हैं। बुधानी ने बताया कि उन्हें एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने गलत सूचना देकर उन्हें ब्लैकमेल किया। उन्होंने शिकायत की थी कि यदि वह आरटीआई एक्टिविस्ट की शिकायतें समाप्त नहीं करेंगे, तो उनके स्कूलों की विधिक मान्यता समाप्त करवा दी जाएगी। आरोपी शीला मरावी ने बुधानी से 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, ताकि वह शिकायत को समाप्त करने के लिए लिखित सहमति दें। बुधानी ने तुरंत लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय को इसकी सूचना दी। शिकायत की पुष्टि होने के बाद, दोनों के बीच 4 लाख रुपये में लेन-देन तय हुआ। शुक्रवार को ट्रेप कार्रवाई में आरोपी को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की आगे की कार्रवाई जारी है, जिससे मामला और जटिल हो सकता है।
शिक्षा विभाग के कई क्लर्क के साथ है आरटीआई एक्टिविस्ट की बैठक
विभागीय सूत्रों की मानें तो जिस आरटीआई एक्टिविस्ट का नाम मामले में सामने आ रहा है उसकी बैठक शिक्षा विभाग के ही कई क्लर्क के साथ है। उक्त आरटीआई एक्टिविस्ट शिक्षा विभाग के मान्यता सेक्शन के कई बाबू के साथ दिनभर देखा जा सकता है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि शिक्षा विभाग के बाबू ही उक्त आरटीआई एक्टिविस्ट का साथ देते हैं।