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विलुप्त प्रजाति के पौधों को बांधी राखी ,संरक्षण का लिया संकल्प sankalp Aajtak24 News |
मण्डलेश्वर - रक्षबन्धन पर भाइयों को बहने राखी बांधकर त्यौहार मनाती हैं।यह क्रम सदियों से जारी है।लेकिन नगर के पर्यावरण प्रेमी डॉ रमेशचंद उपाध्याय के परिवार में रक्षबन्धन पर एक नवाचार किया गया ।इस परिवार की बेटियों ने अपने भाइयों को रक्षासूत्र बांधने के अलावा सतपुड़ा विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके दुर्लभ औषधीय पौधों को रक्षा सूत्र बांधकर संरक्षित करने का साहसी कदम उठाया है। उपाध्याय परिवार के प्रो राघव उपाध्याय ने पत्नी नेहल उपाध्याय के साथ क्षेत्र की विभिन्न नर्सरियों में पहुंचकर विलुप्त प्रजाति के चारोली पुत्रजीवा बहेड़ा गरुड़ विजयसार कुसुम सोनपाठ अर्जुन भिलावा रीठा कालाशीशम अमलताश कचनार कल कल कल्लू सिन्दूर फिफर आदि संकट ग्रस्त वनस्पति को खोजकर इकट्ठा किया एवं ग्रो बैग में संरक्षित किया है रक्षबन्धन पर्व के अवसर पर इन पौधों का पूजन कर रक्षा सूत्र बांधे गए अगले वर्ष इनका भूमि में रोपण कर संरक्षण करने का सभी भाई बहनों द्वारा संकल्प लिया गया । रक्षबन्धन पर्व पर उपाध्याय परिवार की बहन बेटियां नाती पोते सभी दुर्लभ वनस्पतियों के संरक्षण में अपनी भूमिका निभा रहे है।हर्ष शुक्ला मोहित गीते काव्या शर्मा कुंतल शुक्ला श्रेष्ठ भट्ट आरव शर्मा श्रावणी भट्ट श्रीधी उपाध्याय ने दुर्लभ पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया।