दमोह व अभाना में मृदु कृति का हुआ विमोचन vimochan Aaj Tak 24 news

 

दमोह व अभाना में मृदु कृति का हुआ विमोचन vimochan Aaj Tak 24 news

दमोह - संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्या सागर जी मुनि सम्राट की विदूषी-आर्यिका-रत्नश्री मृदुमति माता जी की लेखनी से रचित ग्रंथ वृहद दस लक्षण धर्म पूजा विधान नामक कृति का प्रकाशन व विमोचन विद्या मृदु प्रवाह ग्रंथ प्रकाशन समिति द्वारा किया गया। दमोह जिले के अभाना ग्राम में पूज्य आर्यिका संघ मृदुमति जी व निर्णयमति जी का वर्षायोग चतुर्मास स्थापना काल चल रहा है। अतः अभाना जैन समाज ने ग्रंथ का विमोचन 17 सित. रविवार को प्रातः काल अभाना जैन मंदिर जी के सभागार में किया। दमोह के जबलपुर नाका जैन मंदिर में भगवान महावीर स्वामी के जैंसी चर्या को जीवंत करने वाले तपस्वी मुनि अभीक्षण ज्ञानोपयोगी वीतरागी दिगंबर संत परम पूज्य 108 प्रबुद्ध सागर जी मुनि महाराज का पावन वर्षायोग चातुर्मास स्थापना काल चल रहा है। यहां दोपहर में इसी ग्रंथ-विधान-कृति के द्वितीय चरण का विमोचन रविवारीय प्रवचन सभा में संपन्न हुआ। विद्या मृदु प्रवाह के अध्यक्ष श्री अरविंद इटोरिया, उपाध्यक्ष डॉ. राजकुमार जैन, इंजी. ऋषभ जैन, महामंत्री राकेश पलंदी पारसमणि, कोषाध्यक्ष संतोष अविनाशी, सहमंत्री विनय सिंचाई, श्रीमति मीना, श्रीमति शोभा इटोरिया ने सामूहिक रुप से कार्यक्रम का दीपायन किया। पूज्य मुनि श्री के चरण का पाद-प्रक्षालन कर शास्त्र व श्रीफल भेंट किये। पूज्य मुनि श्री प्रबुद्ध सागर जी के पावन सान्निध्य में वृहद दस लक्षण धर्म पूजा विधान कृति का विमोचन_ उपस्थित जन समुदाय की करतल ध्वनि के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन पं. अजय भैया झापन व एस.जे.एम.आर्केस्ट्रा के सुमधुर गायक गोलू जैन ने किया। मुनि श्री प्रबुद्ध सागर जी ने चारित्र चक्रवर्ती शांति सागर जी महाराज के समाधि दिवस के पावन प्रसंग पर उनकी गौरव गाथा सुनाई, जिन्होंने मुगलों व ब्रिटिश शासकों के काल में भी तीर्थंकरों की आगम परंपरा के अनुसार अपनी चर्या का पालन कर निर्दोष मोक्ष मार्ग प्रशस्त किया। संयोजक विनय मलैया, आर.आई. मुकेश जैन, दादा संतोष मासाब, संजय जैन, राकेश वैशाली, ऋषभ जैन सहित महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमति मधु जैन, श्रीमति विमला,शोभा, मनीषा, किरण, प्रमिला,सोनम, निशा, विधि इत्यादि महिला पुरुषों ने भी विमोचन में हिस्सा लिया। पूज्य आर्यिका रत्न श्री मृदु मति माता जी ने विद्या मृदु प्रवाह ग्रंथ प्रकाशन समिति के साथ ही सभी समाज जन को आशीर्वाद दिया।

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