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| न्यू मार्केट में निगम सुपरवाइजर की 'वसूली' स्ट्राइक: पैसे दो तो धंधा करो, वरना ज़ब्त होगा माल! Aajtak24 News |
भोपाल - राजधानी का सबसे व्यस्त इलाका न्यू मार्केट इन दिनों नगर निगम की गुंडागर्दी और वसूली का अड्डा बन गया है। आरोप है कि नगर निगम का सुपरवाइजर परम यादव (ड्यूटी सुबह 9 से 5 बजे) इलाके में अपनी मर्जी का 'समानांतर प्रशासन' चला रहा है। जो दुकानदार उसे 'महीना' नहीं देते, उन पर तो कार्रवाई की गाज गिरती है, लेकिन जो जेब भर रहे हैं, उनकी दुकानें बेखौफ लग रही हैं।
'सेलेक्टिव' कार्रवाई: पैसे वालों को छूट, गरीबों पर लूट
पीड़ित दुकानदार ने आरोप लगाया है कि न्यू मार्केट के बेसमेंट से लेकर मंदिर के ऊपरी हिस्से तक सैकड़ों दुकानें सजी हुई हैं। लेकिन सुपरवाइजर परम यादव केवल उन्हीं दुकानों पर कार्रवाई करता है जिन्होंने उसे पैसा देने से मना कर दिया है। पीड़ित का कहना है, "मैं इसे पैसे देता था, लेकिन अब इसकी मांग बढ़ गई है। पैसे न देने पर यह अकेले मुझे निशाना बना रहा है और दुकान का पूरा माल भरवा लिया।" सवाल यह है कि अगर अतिक्रमण हटाना है तो पूरी मार्केट से क्यों नहीं हटाया जाता? सिर्फ एक दुकान पर कार्रवाई करना सीधे तौर पर 'वसूली' की ओर इशारा करता है।
अधिकारियों के नाम की आड़ में खेल
शिकायत में यह भी खुलासा हुआ है कि परम यादव कार्रवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकारी शैलेंद्र भदोरिया का नाम लेकर दुकानदारों को धमकाता है। जब पीड़ित ने भदोरिया जी से संपर्क किया, तो उन्होंने ऐसी किसी भी कार्रवाई या आदेश की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया। अब यहाँ दो स्थितियां बनती हैं:
या तो सुपरवाइजर परम अपने अधिकारियों को अंधेरे में रखकर उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा है।
या फिर इस वसूली की मलाई ऊपर तक जा रही है। अगर भदोरिया जी को जानकारी है, तो वह भी इस भ्रष्टाचार में बराबर के भागीदार माने जाएंगे।
भ्रष्टाचार बढ़ा रहा है अपराध: प्रशासन से गुहार
पीड़ित दुकानदार ने बेहद मार्मिक और तल्ख सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि अगर नगर निगम के कर्मचारी इसी तरह गरीबों का निवाला छीनेंगे, तो मजबूर होकर आम आदमी चोरी और क्राइम का रास्ता चुनेगा। आखिर इन हालातों का जिम्मेदार कौन होगा?
हमारी मांग: नगर निगम प्रशासन और पुलिस विभाग को इस 'वसूली सिंडिकेट' की जांच करनी चाहिए। परम यादव जैसे कर्मचारियों की संपत्ति की जांच हो और उसे तुरंत प्रभाव से पद से हटाकर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि गरीब जनता को न्याय मिल सके।
