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पेंडरई में रानी अवंतीबाई प्रतिमा स्थापना के लिए किया गया भूमिपूजन gaya bhumipujan Aaj Tak 24 news |
बालाघाट - ग्राम पेंडरई में देश की प्रथम महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और लोधी समाज की आराध्य रानी अवंतीबाई की प्रतिमा स्थापित करने भूमिपूजन किया गया। इस भूमिपूजन कार्यक्रम मंे बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे, कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी आतिश लिल्हारे और विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य रूखमणी मुकेश माहुले, पेंडरई सरपंच श्रीमती ललिता महेन्द्र नगपुरे, धापेवाड़ा सरपंच नरेन्द्र लिल्हारे और रानी अवंतीबाई प्रतिमा स्थापना निर्माण समिति अध्रूक्ष शिव मस्करे मंचासीन थे।यहां विधिविधान से रानी अवंतीबाई की प्रतिमा स्थापना के लिए अतिथियों के हस्ते भूमिपूजन किया गया। भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे ने कहा कि वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी का जन्म लोधी राजपूत समुदाय में 16 अगस्त 1831 को सिवनी जिले के ग्राम मनकेहणी, के जमींदार राव जुझार सिंह के यहां हुआ था। जो आगे चलकर देश की प्रथम महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनी। देश की वीरांगना के साथ ही वे लोधी समाज की एक महान सेनानी थी। लोधी समाज का इतिहास समृद्ध है। इस समाज ने राष्ट्रहित में हमेशा बलिदान दिया है। वीरांगना रानी अवंती बाई ने 25 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों से लोहा लिया और देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। समाज के लोग समाज के इतिहास को पढ़ें और समझें। वीरांगना रानी अवंती बाई की प्रतिमा लगाना ही मात्र उद्देश्य नहीं है, उनके विचार और सिद्धांत को जीवन में आत्म-सात करें और माता-बहनों को सम्मान दें। वीरांगना रानी अवंती बाई के प्रतिमा के लिए मुझसे जो भी मदद होगी, वह हरसंभव की जायेगी। जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे ने कहा कि वीरांगना रानी अवंती बाई के जीवन से शिक्षा मिलती है कि बहन-बेटियों को आगे बढ़ाना चाहिए। शिक्षा का क्षेत्र हो या खेल का, बेटियों पर विश्वास करके उन्हें प्रगति पथ पर पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वही समाज प्रगति करता है जो कुरीतियों से बाहर निकलकर नई दिशा में आगे बढ़ता है। समाज के ऐसे बच्चों की मदद करें जो बिना सहयोग के पढ़-लिख नहीं पा रहे हैं। इन बच्चों को पढ़ाएं और आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ग्राम में वीरांगना रानी अवंतीबाई की प्रतिमा लगाने की युवाओं ने जो पहल की है, वह उन युवाओं को बधाई देते है, निश्चित ही प्रतिमा से आने वाली पीढ़ी को वीरांगना रानी अवंतीबाई को जानने मिलेगा और उनसे वे प्रेरित होंगे। कार्यक्रम का आभार रानी अवंतीबाई प्रतिमा निर्माण समिति अध्यक्ष शिव मस्करे ने व्यक्त किया। इस दौरान कमलेश मोहारे, रूपलाल लिल्हारे, रामेश्वर पांचे, युवराज लिल्हारे, गिरीश मोहारे, बिजेश ठाकरे, नंदकिशोर पांचे, नरबद खैरवार, भागचंद चौधरी, प्रकाश पांचे, महेन्द्र हिवारे, राजकुमार हिवारे, मनोज पांचे, बसंत तरारे, संतोष मर्सकोले, राजकुमार पांचे, अनंतराम पालेवर, भोजराज कोले, जितेन्द्र लिल्हारे, साहेबलाल पांचे, तिवारी हिवारे, अशोक खांडेकर, समन पांचे, अजय कोल्ते, कैलाश ठाकरे, उमाशंकर मस्करे, प्रितम मस्करे, तिलक दासरे, मंगलेश नगपुरे, राजकुमार चौधरी, के.डी. डोहरे सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
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