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ट्रेनी शिक्षक वैज्ञानिकों से रुबरु होकर सीख रहे शिक्षण rahe siksan Aaj Tak 24 news |
शहडोल - राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) नई दिल्ली के सहयोग से एस्ट्रोनॉमिका साइंस एक्टीविटी एण्ड एजूकेशन सेन्टर मध्यप्रदेश द्वारा शहडोल जिले के ट्रेनी टीचर्स में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नवाचारी पद्धति से विज्ञान शिक्षण की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में देश के विभिन्न नगरों से आ रहे वैज्ञानिक एवं स्त्रोत विद्वान प्रशिक्षु शिक्षकों को अनेक प्रकार से अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग करके नवाचारी पद्धति से शिक्षण करना सिखा रहे हैं। अपने आप में अनूठापन लिए इस कार्यशाला से सौ से भी अधिक छात्र अध्यापक/अध्यापिकाएं टीचिंग मेथड सीख रहे हैं। छत्तीसगढ़ के कांकेर से लखन साहू ने जीव विज्ञान के विषय अंतर्गत बॉडी के ऑर्गन फंक्शन को बायोलॉजी के विद्यार्थियों को कैसे समझाया जाए रोचक तरीके से प्रशिक्षण दिया। वी बी रायगाँवकर पुणे महाराष्ट्र ने अनेक सामान्य रूप से आसपास की और अनुपयोगी हो चुकी सामग्री से डायरेक्ट टीचिंग करना सिखाया। उन्होंने ध्वनि, तरंग, ऑप्टिक्स, पुली मैकेनिज्म आदि को टीच करना सिखाया। वहीं झांसी से आए वैज्ञानिक डॉ विवेक मुदगिल ने आंखों की संरचना, लेंस, प्रकाश और ध्वनि के विषयों को कैसे पढ़ाएं सिखाया। प्रयागराज उत्तरप्रदेश से आए भौतिक विज्ञान वैज्ञानिक ने भी अनेक प्रकार के प्रयोगों को करते हुए दाब के सभी प्रकारों को बेकार वस्तुओं से प्रयोग सामग्री तैयार कर अध्यापन करना सिखाया। प्रशिक्षण के दौरान डाइट प्राचार्य आर के गौतम, केदार मिश्रा, अनिल श्रीवास्तव, सुमा राय, डॉ प्राची भटनागर, अभिलाषा मिश्रा ने भी उपस्थित रहकर शिक्षण प्रशिक्षण के नवाचार को देखा और सराहा। प्रशिक्षण ले रहे छात्र अध्यापक/अध्यापिकाओं में रूचि और उत्साह का सराहनीय समागम दिखाई दे रहा है।
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