जिले की सीमा क्षेत्र में राजस्व अधिकारी की अनुमति के बिना कोई नलकूप खनन नहीं करेगा-कलेक्टर श्री चैतन्य nal Kup nhi karega rajswa अनुमति k bina Aaj Tak 24 news

 


जिले की सीमा क्षेत्र में राजस्व  अधिकारी की अनुमति के बिना कोई नलकूप खनन नहीं करेगा-कलेक्टर श्री चैतन्य nal Kup nhi karega rajswa अनुमति k bina Aaj Tak 24 news 

दमोह - जिले में वर्षा औसतन वर्षा से कम होने के कारण जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट की स्थिति को देखते हुये जनता को आवश्यकता अनुसार पेयजल उपलब्ध  कराने के उद्देश्य से कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय खण्ड दमोह के प्रतिवेदन के आधार पर मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) की धारा - 3 के अंतर्गत दमोह जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल आभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करते हुये पेयजल से संबंधित कार्य प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किये है। जारी आदेश में कहा गया है जिले में प्राकृतिक रूप से बहने वाली नदी-नालों तथा तालाबों में उपलब्ध पानी एवं भूमि सतह के नीचे पानी का घरेलू उपयोग एवं पशुधन के रख-रखाव के प्रयोजन के अतिरिक्त पानी की निकासी पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। भवन निर्माण (शासकीय निर्माण कार्य को छोड़कर) जिसमें पानी का अत्याधिक उपयोग होता है, पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे। अधिनियम की धारा-6(1) के अंतर्गत संपूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा  दमोह जिले की सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ) की अनुमति के बिना कोई नलकूप खनन नहीं करेगा। प्रत्येक राजस्व व पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों को बिना अनुमति नलकूप खनन/बोरिंग कर रहीं मशीनों को जप्त कर, पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा। समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के पश्चात् अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया गया है। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा - 9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। यह आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा, तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगी।  नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जलस्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा -4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति जो इस आदेश का उल्लंघन करेगा, वह मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 की धारा 9 में उल्लेखित अनुसार 02 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने से जो 2 हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दानों से दण्डनीय होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 30 जून 2023 तक प्रभावशील होगा।

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