बिरसा मुंडाजी के कालजयी विचार मानव जीवन के लिये आदर्श एवं प्रेरणा-अनुराग चतुरमोहता
बिरसा मुंडा जयंती पर किया नमन !
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बिरसा मुंडाजी के कालजयी विचार मानव जीवन के लिये आदर्श एवं प्रेरणा-अनुराग चतुरमोहता | birsa mundaji ke kaljayi |
बालाघाट( देवेंद्र खरे )स्वतंत्रता संग्राम के महानायक क्रांति सूर्य धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती 15 नवंबर को जिले सहित मुख्यालय में मनाई गई। जहां उनके योगदान और संघर्षो को नमन किया गया।
बालाघाट मुख्यालय स्थित बिरसा मुंडा चौक पर स्थित प्रतिमा पर सामाजिक संस्था राष्ट्रीय बिरसा मुंडा क्रांति सेना भारत, सहयोगी संस्था गुलमोहर फाउंडेशन, ऐश्वर्य कंप्यूटर एवं ताराम फाउंडेशन द्वारा माल्यार्पण किया गया।
इस दौरान गुलमोहर फाउंडेशन चेयरपर्सन अनुराग चतुरमोहता ने कहा कि बिरसा मुंडाजी के कालजयी विचार, मानव जीवन के लिये एक आदर्श एवं प्रेरणा है। जिन्होंने गोरिल्ला और छापामार युद्ध में निपुण, भूमि सम्पादन अधिनियम 1898 को लागु करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले, मानवता के संदेशक और समाज एवं समाजसवाद की बात करने वाले देश और समाज के लिए महज 25 वर्ष की अल्पायु में वह कर दिखाने जो कभी ने नहीं कर दिखाया, ऐसे क्रांतिकारी वीर बिरसामुण्डा हम सबके प्रेरणास्त्रोत है।
इस अवसर पर व्याख्यान एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय बिरसा मुंडा क्रांति सेना भारत के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता डिल्लन सिंह ताराम, गुलमोहर फाउंडेशन के चेयरपर्सन एवं समाजसेवी अनुराग चतुरमोहता, कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष जीतू बर्वे, ऐश्वर्य कंप्यूटर के संचालक छविंद्र सानेकर, अमोल पटले, विनय क्षीरसागर, अजय सूर्यवंशी, कपिल मेश्राम, ईश्वर कुमरे, शहबाज खान एवं उमेश सानेकर, जीतू सर सहित अन्य उपस्थित थे।
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