भगवान बिरसा मुण्डा की सोच को साकार कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-राजेश पाठक !
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भगवान बिरसा मुण्डा की सोच को साकार कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-राजेश पाठक ! Bhagwan birsa munda ki soch |
बालाघाट ( देवेंद्र खरे)वारासिवनी क्षेत्र के सेलोटपार में 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई। जहां अतिथि सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन, पूर्व विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल, समाजसेवी राजेश पाठक, ओंमकार बिसेन, छगन हनवत, निरंजन बिसेन, शैलेन्द्र सेठी, अजय बिसेन, राजपूत क्षत्रिय समाज जिलाध्यक्ष संजयसिंह कछवाहा, राही पांडे, नरेन्द्र शुक्ला, सर्व ब्राम्हण समाज महासचिव अजय मिश्रा, कन्हैयालाल पात्रे, अनिल गुरनानी, संजय डायरे, जनपद अध्यक्ष श्रीमती माया उईके, जिला पंचायत सदस्य दीपा हनवत, सरपंच दीपिका राही पांडे सहित अन्य मंचासीन थे। इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी बंधु और ग्रामीण जनता उपस्थित थी।
जहां वक्ताओं ने बारी-बारी से आदिवासियों के आराध्य भगवान बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजसेवी राजेश पाठक ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की सोच को विश्व के नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साकार किया है। देश के सर्वोच्च महामहिम राष्ट्रपति पद पर बैठाया और आज महामहिम राष्ट्रपति पहली बार प्रदेश के शहडोल में भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर बतौर अतिथि पहुंची है, यह हम सबके लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि दशको तक कांग्रेस और उसके प्रतिनिधियों ने कभी आदिवासियों पर ध्यान नहीं दिया। आदिवासियों के इतिहास को छिपाने का काम किया गया। जबकि शहीद चंद्रशेखर आजाद और शहीद भगतसिंह के समतुल्य भगवान बिरसा मुंडाजी का देश की आजादी और समाज के हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने में एक बड़ा नाम है। जिसके इतिहास को भाजपा ने आगे लाने का काम किया।
देश की आजादी में अल्पायु में अपना जीवन कुर्बान कर देने वाले भगवान वीर बिरसा मुंडा जी, ने आजादी के आंदोलन में अंग्रेजो के दांत खट्टे कर दिये थे और अपने गोरिल्ला युद्ध कला से लोहे के चने चबवा दिये थे। देश की आजादी के लिए चिंगारी जलाने वाले भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शो को हमें ग्रहण करना चाहिये।
उन्होंने कहा कि भाजपा के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय ने गांव के अंतिम छोर और अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति के विकास के बारे में सोचा, जिसे आज भाजपा साकार करने का काम कर रही है। आदिवासी टोले के रूप में इस गांव के विकास को लेकर वर्षो से क्षेत्र की राजनीति करने वालो को कभी होश नहीं आया। आज हमें सांसद महोदय से इस गांव के विकास के लिए रोड़ मांगनी पड़ रही है। सम्मान लेने में मशगुल जनप्रतिनिधि ने गांव के विकास को लेकर आंखो पर पट्टी बांध ली। ऐसे जनप्रतिनिधियों के प्रति अब हमें सोचने की जरूरत है। डेढ़ महिने से लगातार आयोजनों के आयोजकों को धमकाने और चमकाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से अब उन्हें संभाल जाना चाहिये, क्योंकि लोग अब जागरूक हो गये है। उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता।