महिलाओं ने दिखाई अपनी ताकत |mahilao ne dikhai apni takat

 महिलाओं ने दिखाई अपनी ताकत

वर्षों से बंद पडी दुग्ध समिति को किया पुनः प्रारम्भ

महिलाओं ने दिखाई अपनी ताकत |mahilao ne dikhai apni takat


रतलाम  चाह वहा राह की कहावत को चरितार्थ करते हुए ग्राम हसनपालिया की ग्रामीण आजीविका मिशन की समूह सदस्याओं ने साबित कर दिया कि मातृशक्ति अगर किसी को करने की ठान ले तो उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। यह चरितार्थ हुआ है जनपद जावरा के ग्राम हसनपालिया में जहां महिलाओ ने अपनी ताकत दिखाते हुए तीन वर्ष से बंद पडी सांची दुग्ध संघ की डेयरी को पुनः प्रारम्भ कर दिया गया है।


राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक श्री हिमांशु शुक्ला ने बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत ग्राम हसनपालिया में समूह की महिला सदस्याओं को ग्राम में तीन वर्ष से बंद पडी सांची दुग्ध संघ की डेयरी के बारे में बताया गया तो हरियाली स्वयं सहायता समूह ने उक्त डेयरी को पुनः आरम्भ करने का सोचा। समूह सदस्याओं ने ग्राम का सर्वे कर ग्रामीणों व पशुपालकों को दुग्ध समिति वापस प्रारम्भ किए जाने की सूचना दी तथा दुग्ध संग्रहण केन्द्र्र आरम्भ किया। वर्तमान में समिति द्वारा प्रतिदिन 80 से 100 लीटर दुग्ध एकत्रित किया जा रहा है जो समिति द्वारा समीप के ग्राम में सांची दुग्ध संघ द्वारा संचालित केन्द्र पर उपलब्ध कराया जा रहा है।


दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के उद्देश्य से मिशन द्वारा बैंकों तथा केसीसी के माध्यम से समूह सदस्याओं को पशु क्रय करने हेतु ऋण प्रकरण भी बनाए जा रहे हैं जिससे ज्यादा मात्रा में दुग्ध संग्रह होकर समिति की आय बढाई जा सके। साथ ही उक्त समिति में अब समीप के ग्राम खोकरा, आकतवासा, हल्दुनी से भी पशु पालकों द्वारा दुग्ध उपलब्ध कराया जा रहा है।


ग्राम संगठन की अध्यक्षा सुनीता जाट का कहना है कि आजीविका मिशन से हमारे गांव में अभी तक 19 समूहों का गठन किया जा चुका है। सभी समूह सदस्य अपनी आमदनी बढाने के लिए विभिन्न गतिविधियां कर रहे हैं। इसी क्रम में हमारे गांव के हरियाली समूह द्वारा दुग्ध प्रारम्भ किया गया है जिससे हमारे समूह को अतिरिक्त आमदनी के साथ-साथ ग्राम में पशुपालकों को भी सुविधा प्राप्त हो रही है। समूह की सदस्याएं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को धन्यवाद देती हैं जिनकी महिला सशक्तिकरण नीति के कारण वे तथा उनके ग्राम हसनपालिया की महिलाएं सशक्त हो रही हैं।

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