जिसके साथ पुराने साथी नहीं वह सबसे गरीब इंसान-पाठक | jiske sath purane sathi nhi vah sabse garib insaan pathak

 जिसके साथ पुराने साथी नहीं वह सबसे गरीब इंसान-पाठक .

जिसके साथ पुराने साथी नहीं वह सबसे गरीब इंसान-पाठक | jiske sath purane sathi nhi vah sabse garib insaan pathak


बालाघाट (देवेंद खरे )लड़सड़ा मंडई में समाजसेवी राजेश पाठक का सरपंच चन्नीलाल बघेले और विजय नगपुरे ने ग्रामीणों के साथ किया स्वागत

बालाघाट। सबसे अमीर इंसान वह है, जिसके साथ वर्षो के पुरानी साथी खड़े रहते है लेकिन जिसके साथ पुराने साथी नहीं रहते है, वह सबसे गरीब होता है। यह बात लड़सड़ा मंडई में आयोजित छत्तीसगढ़ी आर्केस्ट्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजसेवी राजेश पाठक ने कही।

वारासिवनी क्षेत्र में मंडई, मेलो में पहुंचकर समाजसेवी राजेश पाठक लोगों से मुलाकात कर सघन जनसंपर्क कर रहे है। इसी के तहत बीते 28 अक्टूबर की रात वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लड़सड़ा में मंडई कार्यक्रम में आयोजित छत्तीसगढ़ी आर्केस्ट्राव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। इस दौरान मंच पर जिला राजपूत क्षत्रिय समाज जिलाध्यक्ष संजयसिंह कछवाहा, भरत शिवहरे, जिला पंचायत पूर्व सदस्य रामकुमार नगपुरे, अजाबशास्त्री, अजय मिश्रा, अनुज तिवारी, जुगराम बावने, गोसनलाल उपवंशी, धनराज डहारे, वासुदेव उपवंशी, श्रीमती कलावंती बघेले, उपसरपंच कमलेश खरोले, पूर्व उपसरपंच गोसन उपवंशी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। यहां सरपंच चन्नीलाल बघेले एवं जनपद सदस्य विजय नगपुरे ने मुख्य अतिथि राजेश पाठक का स्वागत किया।

यहां समाजसेवी राजेश पाठक ने उपस्थित भारी संख्या में जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि झूठ बोलकर कोेई जनता को गुमराह नहीं कर सकता। यह पब्लिक है सब जानती है। उन्होंने कहा कि डॉ. बाबा साहब आम्बेडकर और पं. दीनदयाल उपाध्याय ने अंतिम छोर के व्यक्ति के विकास की बात कही है, जब तक व्यक्ति और गांव का विकास नहीं होगा, तब तक जिले, प्रदेश और देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति के लिए सरकारें तो बहुत योजनायें चला रही है लेकिन जनता को योजनाओं का लाभ दिलाना जनप्रतिनिधि का काम होता है, जो काम वह ठीक से करें, यही जनता अपेक्षा करती है। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद गांव-गांव में मंडई, मेले का आयोजन किया जाता है ताकि लोग एकदूसरे से मुलाकात कर सके। यह सामाजिक समरसता को बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम है।

कार्यक्रम को समाजसेवी संजयसिंह कछवाहा ने कहा कि हम राजपूत है, जिसके साथ खड़े रहते है, पूरी मजबूती के साथ खड़े रहते है। फिर हमें परिणाम की चिंता नहीं होती है। उन्होंने कहा कि संबंध सबसे बड़ी पंूजी होते है। हम सभी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़े अच्छा करें और गांव को आगे बढ़ाये। यह और बात है कि जिले में लोगों की पैरों को खींचने की आदत है लेकिन हम इसकी चिंता नहीं करते हुए आगे बढ़ने का काम निरंतर जारी रखे।

वारासिवनी क्षेत्र के ग्राम लड़सड़ा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कन्हैया पात्रे, थानसिंस नगपुरे, गुलशन उपवंशी, ज्ञानचंद, देवराज भोयर, गोसन उपवंशी, सुरेश बिजेवार, विनोद नगपुरे, रेखु सेवईवार, राजु बघेले, किशोरी बम्बुरे, फूलचंदसाव बिजेवार, जुगराम बावने, धनराज डहारे, वासुदेव उपवंशी, शंभु बिजेवार, यशवंत डहारे, सत्यप्रकाश दमाहे, अंकित लिल्हारे, विजय उपवंशी, भागवत बिजेवार सहित अन्य बड़ी संख्या में ग्रामीण जनता मौजूद थी।

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