मंत्री श्री कावरे ने अधिकारियों के साथ किया गांगुलपरा जलाशय का निरीक्षण | Mantri shri kavre ne adhikariyo ke sath kiya gangulpara jalashay ka nirikshan
मंत्री श्री कावरे ने अधिकारियों के साथ किया गांगुलपरा जलाशय का निरीक्षण
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - जल संसाधन मंत्री श्री रामकिशोर नानो कावरे ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ आज 18 अगस्त को गांगुलपरा जलाशय का निरीक्षण कर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री श्री युवराज वारके कार्यपालन यंत्री श्री वाय एस ठाकुर, एसडीओ श्री दिलीप सिंह परते, एसडीओ सुश्री श्लेषा डोंगरे, सब इंजीनियर राजेश धुर्वे, जल उपभोक्ता समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री दुलिस तिलासी एवं जमीनी अमला उपस्थित रहा।
निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री कावरे ने उपस्थित जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से पूछा कि अतिवृष्टि होने पर गांगुलपरा जलाशय का बेस्ट वेयर पानी कहां जाता है, और इस पानी से किसी प्रकार की जनहानि तो नहीं होती या इस पानी का क्या उपयोग होता है। मंत्री श्री कावरे ने जलाशय के कमांड एरिया की जानकारी ली, जानकारी देते हुए एसडीओ सुश्री स्लेशा डोंगरे ने बताया कि गांगुलपरा 1957 में बना है 2620 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता है तथा वर्तमान में 2058 हेक्टेयर रकबा इस जलाशय के माध्यम से सिंचित होता है, इस समय जलाशय 100% भर चुका है। 10.9 वर्ग किलोमीटर केपीसीटी है।
मंत्री श्री कावरे ने जानकारी लेते हुए पूछा कि उनके निर्देश पर जो लाइनिंग का काम प्रस्तावित किया गया है वह कितने किलोमीटर का है, एसडीओ डोंगरे ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 16 किलोमीटर का प्रस्ताव तैयार किया गया है तथा जिसकी अनुमानित लागत 4.35 करोड़ है। लाइनिंग का काम पूर्ण होने से सिंचित एरिया बढ़ जाएगा एवं पर्याप्त मात्रा में किसानों को पानी मिलेगा और संभव हुआ तो रवि की फसल के लिए भी पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जा सकेगा। इसके बाद सेकंड फेस में वितरक की लाइनिंग का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
मंत्री श्री कावरे ने जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री तथा कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए कि कल 19 अगस्त को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाढ़ राहत कार्य की जो बैठक आहूत की गई है उसमें मां छतिग्रस्त जलाशय की नहरों की जानकारी दें। जिला स्तर पर प्रयास करके नहर के मरम्मत ई करण बांधों के मरम्मतकरण के प्रस्ताव स्वीकृत करवाएंगे। मंत्री श्री कावरे ने अधीक्षण यंत्री श्री वासियों को निर्देश दिए कि जो भी प्रस्ताव भोपाल स्तर पर रखे हैं चाहे वह मोदी या शासन में क्यों ना हो उसके लिए किसी अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जो समय-समय पर जाकर उसका अपडेट देते रहें।
गांगुलपरा जलाए से का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री श्री कावरे ने गांगुलपरा जलाशय से संबंधित मछुआ समिति के सदस्यों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की। मंत्री श्री कावरे ने चर्चा में पूछा कि समिति में कितने सदस्य हैं एवं अंतिम बैठक कब आयोजित की गई थी, समिति सदस्यों ने बताया कि कुल सदस्य संख्या 160 है एवं समिति के अध्यक्ष श्री बाबूलाल है। शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ समिति को प्राप्त है, वर्तमान में समिति द्वारा केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन किया जा रहा है एवं प्राकृतिक या परंपरागत तरीके से भी मछली पालन किया जा रहा है। समिति सदस्यों ने विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के लिए मंत्री श्री कावरे के प्रति आभार एवं हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आप की बदौलत ही गांगुलपरा जलाशय का कायाकल्प हुआ है और हम लोगों को रोजगार भी मिल रहा है हमारा परिवार साधन संपन्न बन रहा है।
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