108 व 100 डायल का कोई जवाब नहीं खुद के जज्बे से बचते हैं जान
धरमपुरी (गौतम केवट) - धार जिला की तहसील में मनावर शासकीय अस्पताल में एक नवजात के जन्म 1 लेते ही शुगर की समस्या हो गई तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर ने 7 घंटे में अहमदाबाद पहुंचाने को कहा।
108 के ड्राइवर ने 600 किलोमीटर का सफर महज 5 घंटे 30 मिनट में तय कर बच्चे को अहमदाबाद के अस्पताल पहुंचाया बुधवार को जिला अस्पताल में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। जन्म के साथ बच्चे को स्थिति नाजुक थी। जांच में पता चला उसका शुगर व ऑक्सीजन लेवल कम है। डॉक्टर ने 7 घंटे में बच्चे को अहमदाबाद पहुंचाने को कहा। परिजन ने निजी एंबुलेंस चालकों से पूछा उन्होंने रिस्क उठाने से मना कर दिया। 108 पर अहमदाबाद कॉल किया। वहां से ज्यादा दूरी होने पर पहुंचाने को कहा। ने 600 अनुमति नहीं दी, तो परिजन ने फोन पर डॉक्टर अंकित शर्मा की बात करवा दी। डॉक्टर ने बताया बच्चे की स्थिति नाजुक है तब 108 एंबुलेंस को अहमदाबाद जाने की अनुमति मिली। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
108 के ड्राइवर दशरथ व्यास ने बताया अनुमति मिलते ही दोपहर 2 स बजे 108 एंबुलेंस स सीजी 04 एनयू व 4325 के पायलट दशरथ व्यास व ईएमटी ज्ञानिश धनगर बच्चे व उसके परिजन को लेकर रवाना हो गए। रास्ते में सभी टोल व नाकों को पहले ही सूचना दे दी। जिससे उन्होंने ग्रीन कॉरिडोर तैयार रखा। शाम 7.30 बजे बच्चे और मां को अस्पताल पहुंचा दिया ।
108 एंबुलेंस मध्यप्रदेश के सीनियर जनसंपर्क अधिकारी, तरुण सिंह ने बताया कि जब 108 एंबुलेंस पर जानकारी प्राप्त हुई तो बच्चे की हालत बहुत नाजुक थी उसी स्थिति को देखते हुए हमने तुरंत कार्यवाही करके एंबुलेंस स्टाफ को तुरंत रवाना कर दिया। हमारे एंबुलेंस स्टाफ ने अपनी सूझबूझ से रास्ते के सारी टोल नाका पर जानकारी देते हुए ग्रीन कॉरिडोर की रिक्वेस्ट करी और उसी कारण जल्द से जल्द बच्चे और आप को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हम पायलट दशरथ व्यास और ईएमटी ज्ञानिश धनगर प्रयासों की सराहना करते हैं।
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