उत्तराखंड सीएम धामी को संस्था ने भेजा प्रशस्ति पत्र | Uttrakhand cm dhami ko sanstha ne bheja prashasti patr
उत्तराखंड सीएम धामी को संस्था ने भेजा प्रशस्ति पत्र
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की कमेटी गठित करने पर
इंदौर (राहुल सुखानी) - सामाजिक संस्था न्यायाश्रय पिछले लंबे समय से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने की मांग करती रही है और इसके लिए संस्था द्वारा समय-समय पर विज्ञापन एवं संबंधित मंत्रालयों में पत्र लिखकर मांग की जाती रही है इसी कड़ी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के उपरांत विधानसभा चुनाव के पूर्व किए गए अपने वादे के अनुसार समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित किए जाने पर संस्था द्वारा उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रेषित किया है।
संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट पंकज वाधवानी ने जानकारी देते हुए कहा है कि वर्तमान में भले ही हिजाब का मामला हो या अनियंत्रित बयानबाजी का मामला हो , धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने की बात हो अथवा एक दूसरे पर छींटाकशी कर लोक व्यवस्था भंग करने की बात हो या अन्य विभिन्न मामले हो, धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर आए दिन हमारे देश की सामाजिक एवं सांस्कृतिक सद्भावना पर कुछ लोगों द्वारा चोट पहुंचाई जा रही है और एक प्रकार से अस्थिरता का माहौल उत्पन्न में किया जा रहा है जो कि भविष्य में खतरे की घंटी है। भारत के संविधान में ही अनुच्छेद 44 के अंतर्गत समान नागरिक संहिता को लागू किए जाने की बात भी की गई है और यही इन सभी समस्याओं को समाप्त करने का एक सबसे सशक्त एवं प्रभावी साधन है आश्चर्य की बात है हमारे देश में स्वयं हमारे देश का सुप्रीम कानून एवं इसे निर्माण करने वाली संविधान निर्मात्री सभा के अनेक सदस्यों द्वारा यहां तक की संविधान के निर्माता कहे जाने वाले बाबा साहेब आंबेडकर ने भी देश में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने की बात पर जोर दिया था उसके बाद भी सरकार इस बात पर अमल क्यों नहीं कर रही है अथवा हमारे देश की राजनीतिक संप्रभुता अर्थात जनता को इसके लिए क्यों सरकारों को मजबूर नहीं किया जा रहा है यह समझ से परे है। समान नागरिक संहिता इन सभी समस्याओं की कुंजी है जो इन समस्याओं उसे हमें स्थाई रूप से निजात दिला सकती है। अब समय आ गया है कि जो काम विगत कई दशकों से नहीं हुआ है उस कार्य को हम पूर्ण करें और समान नागरिक संहिता को लागू कर राष्ट्र की अस्मिता देश की गरिमा एकता अखंडता राष्ट्रवाद को अपने-अपने धर्म अपनी अपनी जाति और अपने-अपने संकीर्ण मतलब उन से ऊपर रखें और मातृभूमि को उसका उचित स्थान प्रदान कर एक सच्चा नागरिक धर्म निभाएं।
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