पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए, कमिश्नर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा
लोगों को जिंदा जलाया जाना अत्यंत ही जघन्य घटनाएं-- संस्था न्यायाश्रय की मांग
इंदौर (राहुल सुखानी) - सामाजिक संस्था न्यायाश्रय द्वारा पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को जिंदा जलाए जाने के बाद, राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की गई है। संस्था का कहना है कि राज्य में कानून और व्यवस्था बिल्कुल नहीं है आम आदमी सुरक्षित नहीं है ऐसे में राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प है।ेखनीय है कि पश्चिम बंगाल घटना बीरभूम जिले में हुई है। यहां रामपुर हाट के बागुती गांव में पंचायत के उप-प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद उनके समर्थकों एवं सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया,इससे 8 लोग जिंदा जल गए। आश्चर्य की बात है पुलिस प्रशासन द्वारा वहां पर शॉर्ट सर्किट से आग लगे होना बताया जा रहा है जबकिभीड़ ने करीब 1 दर्जन घरों को आगे के हवाले किया, इतना ही नहीं, किसी ने आगजनी की सूचना जब दमकल विभाग को दी, भीड़ ने आग बुझाने वाली गाड़ियों (Fire Tenders) को भी घटनास्थल तक नहीं पहुंचने दिया।
संस्था के अध्यक्ष पंकज वाधवानी, उपाध्यक्ष जयंत दुबे एवं सचिव राहुल सुखानी ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 356 में स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि यदि राज्य सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पाती एवं राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। ज्ञापन का वाचन अधिवक्ता अभिषेक भार्गव ने किया इस दौरान अन्य अधिवक्ता गण विनोद वर्मा , श्रीमती उषा वैष्णव, सलमा शेख , प्रवीण दवे इत्यादि मौजूद थे।
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