एक सार्थक पहल झाबुआ जिले में, "अ' से अक्षर अभियान | Ek sarrhak pahal jhabua jile main A se akshar abhiyan

एक सार्थक पहल झाबुआ जिले में, "अ' से अक्षर अभियान

एक सार्थक पहल झाबुआ जिले में, "अ' से अक्षर अभियान

झाबुआ (ब्युरो रिपोर्ट) - जिले में 15 अगस्त 2021 से   अ   से अक्षर अभियान प्रथम चरण का आवाज में गया प्रथम चरण में जिले के थांदला एवं पेटलावद विकासखंड के 50-50 गांव का चयन किया गया। इन गांव में अध्ययनरत शिक्षार्थियों का मूल्यांकन  16  जनवरी 2022 को किया गया जिसमें 17771 शिक्षार्थि सम्मिलित हुए।

     द्वितीय चरण में जिले में 3 जनवरी 2022 से पुनः अभियान प्रारंभ किया गया अभियान  प्रशासन के साथ ही समस्त स्वयंसेवी संस्थाओं ,अशासकीय विद्यालयों के पूर्ण सहयोग से चलाया गया। सभी संस्थाओं ने अपने आगे बढ़ चढ़कर सहज सुकृति के भाव से उत्साह पूर्वक कक्षाओं का संचालन प्रारंभ किया पूरे जिले में राज्य शिक्षा केंद्र के निर्दशानुसार 26 तीन 2022 को परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें एक लाख शिक्षार्थियों के सम्मिलित होने की संभावना है।

एक सार्थक पहल झाबुआ जिले में, "अ' से अक्षर अभियान

       जैसा कि स्पष्ट है कि प्रत्येक मानव संबंध पूर्वक जीना चाहता है हर व्यक्ति  सम्मान स्नेह विश्वास चाहता है इन भाव विचारों को मध्य नजर रखते हुए यह अभियान शुरू किया गया। जिसकी वजह से यह अभियान जन अभियान बनकर उभरा है। जिले में हर तरफ शिक्षा का वातावरण है यह कार्य कलेक्टर महोदय श्री सोमेश मिश्रा के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। हर पढ़े-लिखे व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो रहा है। कि पढ़ना लिखना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है और इस आवश्यकता की पूर्ति प्रत्येक पढ़ा लिखा व्यक्ति ही कर सकता है। हर व्यक्ति तन मन से इस कार्य में लगा हुआ है जिले की पूरी टीम जिला अध्यक्ष महोदय के मार्गदर्शन में कार्य कर रही है। जिला साक्षरता समिति, जिले में अनुविभागीय अधिकारी, सीईओ जनपद पंचायत, विकास खंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्रोत समन्वयक, विकासखंड साक्षरता प्रभारी, जन शिक्षक एवं प्रत्येक शिक्षक शिक्षिका द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। 26 मार्च 2022 के पहले लोगों को विश्वास ही नहीं था कि हम लोग पढ़ना चाहते तो  हैं लेकिन क्या हम लोग पढ पायेंगे। परंतु अभियान पढ़ने के बाद उनमें  आत्मविश्वास जगा है।अब धीरे धीरे  परिवर्तन की बयार चलने लगी है जिले में ऐसे कई उदाहरण है जो पहले निरक्ष थे वे लोग साक्षर होकर साक्षरता की कक्षाएं संचालित करने लगे हैं। दिनांक 25 मार्च 2000 22 को केंद्र सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं शिक्षा विभाग के सचिव महोदय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देश के सभी जिलों में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की  जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश में झाबुआ मॉडल पर किए गए कार्य की प्रशंसा की और स्पष्ट किया कि इसी जज्बे से पूरे देश में साक्षरता अभियान चलाया जाए तो निश्चित रूप से 2027 तक हम अपने देश को पूर्ण साक्षर बना पाएंगे।

      वर्तमान में झाबुआ जिले में साक्षरता का प्रतिशत बहुत कम है निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि अ से अक्षर अभियान में किए गए प्रयासों एवं परीक्षा में भाग लेने वाले अक् साथियों एवं शिक्षार्थियों के उत्साह से यह प्रतिशत बढ़ेगा ही और जो स्थिति है उसमें निश्चित रूप से सुधार आएगा ही।  

         वर्तमान में  जनवरी में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर जिले में करीब 600000 निरक्षर चिन्हित किए गए अभी होने वाली परीक्षा में करीब एक लाख परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे जिससे निश्चित ही हमारे जिले का साक्षरता प्रतिशत बढ़ेगा। इसी उत्साह से हम लोग सब मिलकर जिला जिले से निरक्षरता के कलंक को मिटा देंगे यही उम्मीद है।

     कल ( शनिवार) 26/03/2022को जिले के 667  अक्षर साथियों के प्रयासो का परीक्षा महोत्सव मनाने जा रहें हैं आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आप सभी के जज्बे को सलाम करता हु।

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