जीरो बजट खेती एवं जैविक खेती का महत्व विषय पर महिला कृषक संगोष्ठी का आयोजन
मनावर (पवन प्रजापत) - मनावर में 75वें आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जीरो बजट खेती एवं जैविक खेती का महत्व विषय पर एक दिवसीय महिला कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, मनावर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धर्वेन्द्र सिंह द्वारा बताया गया कि जीरो बजट विधि में कृषि लागत जैसे कि उर्वरक, कीटनाशक और गहन सिंचाई की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इस विधि के तहत चाहे किसी भी फसल का उत्पादन किया जाए उसकी लागत मूल्य ज़ीरो होता है एवं कृषि कार्य हेतु आवश्यक सभी संसाधन घर में ही उपलब्ध होते हैं। देसी प्रजाति के गौवंश के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत, घनजीवामृत तथा जामन बीजामृत बनाया जाता है। खेत में इनका उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्त्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक घटकों का भी विस्तार होता है।
उन्होंने आगे बताया कि जीरो बजट प्राकृतिक खेती तकनीक के जरिए जो किसान खेती करते हैं उन्हें किसी भी प्रकार के केमिकल और कीटनाशकों तत्वों को खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है और इस तकनीक में किसान केवल अपने द्वारा बनाई गई चीजों का इस्तेमाल केमिकल की जगह करते हैं, जिसके चलते इस प्रकार की खेती करने के दौरान कम लागत लगती है। साथ ही महिला कृषकों को केन्द्र के क्रॉप कैफेटेरिया में भ्रमण कराकर सरसों, काबुली चना, गेंहूँ की विभिन्न किस्मों के उत्पादन व कीट रोग प्रबंधन पर जानकारी दी गई। संगोष्ठी कार्यक्रम में अनेक प्रगतिशील महिला कृषक उपस्थित रहे।
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