ओमकारेश्वर चतुर्थ चरण नहर परियोजना किसानों के जीवन स्तर उटाने हेतु | Omkareshwar chaturth charan nahar pariyojna kisano ke jivan star utane hetu
ओमकारेश्वर चतुर्थ चरण नहर परियोजना किसानों के जीवन स्तर उटाने हेतु
मनावर (पवन प्रजापत) - ओमकारेश्वर चतुर्थ चरण नहर परियोजना किसानों के जीवन स्तर उठाने के लिए शासन के एक बहुउद्देशीय परियोजना थी। लेकिन आज तक इस परियोजना से किसानों को पानी नहीं मिल रहा है और अन्नदाता सन 2013-14 से पानी का इंतजार कर रहे हैं। इस बार धार कलेक्टर महोदय के सख्त निर्देश पर लगभग 80 दिनों बाद पानी छोड़ा गया और पानी छोड़ने के बाद कलेक्टर महोदय ने यह कहा था। कि जो भी किसान तोड़फोड़ करेगा उसके ऊपर f.r.i. दर्ज की जाए और पानी को टेल【लोहारी,धुलसर】 तक पहुंचाया जाए कलेक्टर निर्देश अनुसार पानी तो टेल तक पहुंच गया लेकिन टेल से लगाकर 68 किलोमीटर तक के किसानों को पानी नहीं दिया गया और टेल पर पहुंचाने के बाद जब तक पानी टेल तक गया जब तक सारे अधिकारी मानिटरिंग करते रहे लेकिन जब बीच की मायनर का खोलने का कार्य आया तो एक भी अधिकारी साइट पर नहीं रहा बोरली के किसान बदरी भाई वास्केल बोरली कहना है कि जब लिंबी माइनर खोली गई तो मात्र लगभग 15 घंटे चलाई गई और माइनर टेल तक पानी नहीं पहुंचा और वापस बंद कर दी गई उसी तरह शोभाराम लोणी ने बताया क्षअंजदी मायनर जिसका ऑपरेटर वाल ही बिना गेर बॉक्स के लगा दिया गया था उस वाल को आज तक नहीं बदला गया और अभी तक इस माइनर में पानी नहीं छोड़ा गया।
इसी तरह जाटपुर माइनर में भी मात्र 15 घंटे पानी छोड़ा गया और तेल जाटपुर तक पानी नहीं पहुंचा यहां के किसान राजेंद्र भाई बड़गांव व विनोद पाटीदार जाटपुर का कहना है कि हमारे खेतों तक पानी नहीं आया और बीच में ही सारा पानी मेन सिसी लाइन नहर खोल दिया गया था क्योंकि कोई भी अधिकारी नहर निरीक्षण नहीं करता है जब तक टेल तक पानी जाता है तब तक सारे एनवीडीए के अधिकारीयो के द्वारा निरीक्षण किया जाता है इसलिए किसानों ने स्वयं रविवार को मोर्चा संभालते हुए हैं कलमी पूरा का वॉल बंद करने की कोशिश की गई जो दिन में 12:00 से लगाकर रात में 1:00 बजे तक लगे रहे लेकिन किसी भी एनवीडी विभाग के अधिकारी ने सहयोग नहीं किया और रात भर किसानों ने मस्कत करते रहे इन किसानों में पप्पु पाटीदार, रविन पाटीदार देदला,प्रकाश सिधाडे कुराडाखाल दीपक पाटीदार,वासुदेव पाटीदार पंचखेडा ,महेंद्र वास्केल,बदरी भाई वास्केल, महेश वास्केल, बोरली,आदि किसानों की टीम ने लगभग रात को 1:00 बजे तक संघर्ष किया तो अब सवाल यह उठता है कि जो नहर में पानी छोड़ा था कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार तो क्या टेल तक के किसानों को ही देने के लिए छोड़ा गया था और इसके सिवाय क्या किसान नहीं है क्योंकि जिस क्षेत्र में टेल 【लोहारी, धुलसर】 क्षेत्र के गांव आते हैं वहां पर सामान्य वर्ग के 70% किसान हैं और उसके बाद 120 किलोमीटर से लगाकर 52 किलोमीटर नहर क्षेत्र मे आदिवासी किसान है लगभग 70% आदिवासी व सीमांत किसान है लेकिन जब इस क्षेत्र में पानी देने का मौका आता है तो एक भी अधिकारी मानिटरिंग नहीं करता है इस नहर क्षेत्र के सांसद और विधायक महोदय का भी किसानों को सहयोग नहीं मिल रहा है।
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