बायलर ट्यूब लीकेज सहित कोयले के आभाव मे इकाई नंबर चार को किया गया बंद
परियोजना मे मात्र 2 दिन का कोयला शेष कभी भी बंद हौ सकती है अन्य इकाईयाँ
प्रदेश मे सबसे महंगी बिजली बनाने ओर कोयला खाने वाली परियोजना है सिंगाजी परियोजना
सभी इकाईयाँ चलाने के लिए 35 हजार मीट्रिक टन कोयला प्रतिदिन चाहिए लेकिन स्टाक मे बचा है मात्र 77हजार मीट्रिक टन कोयला
बीड/खंडवा (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना मे बायलर टुयुब लीकेज होने से इकाई नंबर चार को गुरुवार सुबह अचानक बंद कर दिया गया परियोजना की इकाई के बायलर मे आये फाल्ट को अटेंड करने के लिए इकाई को बंद करने की जानकारी पारियोजना के अनिल कुमार शर्मा द्वारा दी गई वही बताया गया की अभी पर्याप्त कोयला नही होना भी इकाई बंद करने का एक करण हे परियोजना मे मात्र 77 हजार मीट्रिक टन कोयला ही बचा है अगर कोयले की स्थित इसी प्रकार रही तो अन्य इकाईयाँ भी जल्द बंद करना पड सकती है वेसे भी इन इकाइयों को चलाने के लिए प्रदेश मे दूसरे बिजली घरो की अपेक्षा सबसे अधिक कोयला चाहिए क्योकि यहा पेमाने से कही अधिक कोयला खपत होता है प्रदेश की अन्य परियोजनाए इतने कोयले मे यहा से कई गुना ज्यादा यूनिट बिजली का निर्माण करती है इस परियोजना को सतत चलाने के लिए रोजाना 35 हजार मीट्रिक टन कोयला की जरूरत पड रही है यहा प्रबंधन की अकुशलता के कारण कोल लास कम होने की बजाए प्रति दिन बड रहा है ओर दूसरी परियोजनाओ का कोल लास रोजाना घट रहा है जल्द ही यहा किसी अनुभवी विशेषज्ञ को मुख्य प्रबंधक नही बनाया जाता तब तक जेनको को रोजाना करोडो रुपये की हानि जारी रहेगी।
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