शहीद हेमू कालानी के 77 वां बलिदान दिवस 21 जनवरी को
कलेक्ट्रेट स्थित मूर्ति पर सिंधी समाज इंदौर का माल्यार्पण कार्यक्रम
इंदौर (राहुल सुखानी) - शहीद हेमू कालानी के 77 वें बलिदान दिवस पर उनके बलिदान को याद किया जाएगा शहीद हेमू कालानी प्रतिमा पर संस्था हिंदू सिंधु समन्वय संगठन के सदस्यों द्वारा माल्यार्पण किया जाएगा। यह जानकारी संस्था के अध्यक्ष संतोष वाधवानी (रत्न विशेषज्ञ) ने दी।
हेमू कालानी की भूमिका
संतोष वाधवानी ने बताया हेमू कालानी को मात्र 20 वर्ष की आयु में देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए फांसी पर चढ़ा दिया गया था। शहीद हेमू कालानी का जन्म 23 मार्च 1923 सिंधु जिले के शहर में हुआ था किशोरावस्था में ही उन्होंने अपने साथियों के साथ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया और स्वदेशी आंदोलन में कूद पड़े। वर्ष 1942 में महात्मा गांधी द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने अंग्रेजी सेना हथियारों से भरी रेलगाड़ी की पटरी को अस्त-व्यस्त कर दिया था जिस आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया और 21 जनवरी 1945 को ने फांसी की सजा दी गई।
अगली बार भी भारत में जन्म लेने की इच्छा
अत्यंत अल्प आयु 20 वर्ष की आयु में फांसी देने के पूर्व में जब हेमू कालानी से उनके अंतिम इच्छा पूछी गई तो उन्होंने अगले जन्म में फिर से भारतवर्ष में ही जन्म लेने की इच्छा जताई और भारत माता की जय बोल कर फांसी पर लटक गए। राष्ट्र के प्रति उनके प्रेम और बलिदान को सदैव स्मरण में रखने के लिए उनके बलिदान दिवस को मनाया जाता है और इसी उद्देश्य को लेकर 21 जनवरी को हेमू कॉलोनी स्थित उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनकी शहादत को याद किया जाएगा।
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