मलेरिया की रोकथाम के लिए टेमोफोस का घोल डालने की कार्यवाही
श्योपुर - जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एसएन बिन्दल एवं जिला मलेरिया सलाहकार किरतसिंह कवचे के निर्देशन में शहरी क्षेत्र में पटवारी कॉलोनी में मलेरिया पॉजिटिव मरीज के घर के आसपास वेक्टर जनित बीमारियों को रोकने के लिए वार्ड में पानी से भरे गड्डों में टेमोफोस का घोल डालने की कार्यवाही की गई। साथ ही लार्वा सर्वे व लार्वा नस्टिकरण मलेरिया एवं एम्बेड की टीम द्वारा 48 घरों का सर्वे किया जिसमे कुल 314 कन्टेनर देखे गए जिसमे 13 कन्टेनरो में लार्वा पाया गया जिसे टीम के द्वारा नस्ट किया गया। इसी प्रकार वार्डवासियों को मलेरिया एवं डेंगू जैसी बीमारी से बचने के उपाय बताए गए जैसे रात को सोने से पूर्व नीम की पत्ती का दुआ करें व पूरी आस्तीन के कपड़े पहने व, घर के आस-पास पानी से भरे गड्ढों में मिट्टी का तेल अथवा जला हुआ इंजन का ऑयल डालें तथा घर के आस-पास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें आदि जानकारी शहरी मलेरिया निरीक्षक श्री श्यामलाल बाथम ने दी। साथ ही बीसीसीएफ के श्री विपिन आचार्य, श्री सुरेंद्र गौतम द्वारा वार्ड में सर्वे करवाया गया तथा बताया कि मानसून सत्र के कारण जगह-जगह बारिश का पानी एकत्रित हो जाता हैं। जहाँ पर मच्छरों की पैदावार होने लगती हैं। इसलिए सतत पानी की निकासी करना अनिवार्य हैं। साथ ही बताया कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता हैं एवं तेज बुखार, हाथ पैरों में तेज दर्द, शरीर पर लाल चक्कते पड़ना, आँखों में लालपन होना आदि डेंगू सम्भावित जानकारी दी। ऐसे लक्षण पाए जाने पर अपने नजदीकी चिकित्सक से सलाह ले स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जाँच करवाने की सलाह दी ओर मच्छरों को भगाने वाली क्रीम का शरीर के खुले स्थान पर लेप करें तथा रात को सोने से पहले नीम की पत्तियों का धुआं करें।जिससे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, व अन्य वेक्टर जनित रोगों को नियंत्रित किया जा सके। मलेरिया पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर पूर्ण उपचार लें। दवा ख़ाली पेट कदापि ना ले स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा बताएं अनुसार दवाई का पूर्ण उपचार ले।