ग्राम पंचायत रजोला में अंतिम संस्कार के लिए नहीं है मोक्ष धाम की व्यवस्था
ग्रामीणों की माने तो निजी जमीन में होता था वर्षो से अंतिम संस्कार
वर्षों से चली आ रही अंतिम संस्कार की प्रथा इसी भूमि पर किंतु भूमि मालिक ने तार की फेंसिंग लगाकर किया उसे अपने कब्जे में
सिंगोड़ी (जिब्राइल अंसारी) - सिंगोड़ी नगर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत रजोला में आज उस समय हड़कंप मच गया जब ग्राम के ही एक यादव समाज के बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसे मोक्ष धाम ले जाया गया ।किंतु मोक्षधाम की जगह जब चारों तरफ से तारों की फेंसिंग से कसा हुआ देख गया तो ग्रामीणजन आक्रोशित हो गए।वही कुछ ग्रामीणों की माने तो विगत लंबे अरसे से ग्राम में जिस भी व्यक्ति की मृत्यु होती थी ।उसे इसी जगह दहसंस्कार के लिए ले जाया जाता था किंतु जिस जगह पर मृत व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया जाता है वह किसी की निजी भूमि होना बताया जा रहा है ।ओर जमीन मालिक ने उक्त भूमि को अपने कब्जे में कर लिया ।अंतिम संस्कार करने गए लोगो ने ग्रामीणों ने किसी तरह संबंधित जमीन मालिक से बात कर निवेदन किया और अंतिम संस्कार करने की बात कही हालाकी बात बन गई और जमीन मालिक ने मानवता की मिशाल कायम कर शव का अंतिम संस्कार करने दिया किंतु बात यह नही की जमीन किसकी है और किसकी नही आखिर कैसा शासन तंत्र है की इतनी बड़ी ग्राम पंचायत होने के बावजूद भी यहां एक टीन सेड का मोक्षधाम तक नहीं और ग्राम के लोग परेशान होते हुए नजर आ रहे है जिसको लेकर अब रजोला के ग्रामीणों में चिंता बनी हुई है। क्या इसी प्रकार लोगों को खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ेगा यह एक विचारणीय प्रश्न है और कहीं ना कहीं सरकार और शासन प्रशासन की पोल खोलती यह खबर शासकीय योजनाओं की उपलब्धि बताने वाले लोगों पर एक तमाचा भी दे रहा है कि अंतिम संस्कार के लिए एक मोक्ष धाम तक नहीं। आखिर कैसी यह व्यवस्था सवाल तो है जिसका जवाब भी जरूरी है।
पटवारी को लगाते रहे फोन लेकिन साहब ने फोन तक रिसीव नहीं किया
इस संपूर्ण मामले को लेकर जब ग्राम के प्रबुद्ध जनों ओर ग्रामीणों ने पटवारी को फोन लगाया तो ग्राम के पटवारी ने फोन तक नही उठाया। लोगो ने आरोप लगाते हुए बताया कि आज सुबह से ग्राम के पटवारी को फोन लगाया जा रहा है किंतु साहब है कि फोन उठाने को तैयार नहीं आखिर यह कैसा सरकारी तंत्र है जो ग्रामीणों का फोन तक नही उठाते है । जिससे रजोला ग्राम पंचायत के ग्रामीणों में पटवारी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है। ग्रामीणों का पटवारी से सिर्फ इतना कहना था कि वह मोक्ष धाम के लिए सरकारी जगह बता देते तो वहां पर अंतिम संस्कार किया जा सकता था अब लोगों के पास एकमात्र यही रास्ता है कि जल्द से जल्द यहां पर एक मोक्ष धाम का निर्माण हो जाए ताकि लोगों को इधर-उधर भटकना ना पड़े।