डेंगू पर नियंत्रण हेतु रखे सावधानी | Dengu pr niyantran hetu rakhe savdhani

डेंगू पर नियंत्रण हेतु रखे सावधानी

डेंगू पर नियंत्रण हेतु रखे सावधानी

उज्जैन (रोशन पंकज) - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.संजय शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में वर्षा ऋतु के उपरांत वेक्टरजनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया इत्यादि का संक्रमणकाल प्रारंभ हो चुका है। उल्लेखनीय है कि वेक्टरजनित रोगों का बचाव एवं नियंत्रण आमजन के सहयोग से आसानी से किया जा सकता है। वर्षाकाल के प्रारंभ होते ही अनेक स्थानों पर जल-जमाव होने के कारण घरों में छोटे कंटेनर, टंकियों इत्यादि में एक सप्ताह से अधिक जल-संग्रह करने की प्रवृत्ति के कारण डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे रोग फैलाने वाले एडीज मच्छर का प्रजनन शुरू हो जाता है तथा नियमित साफ-सफाई न होने के कारण इन मच्छरो के लार्वा की उत्पत्ति का स्त्रोत बन जाते हैं, जिससे अगस्त से अक्टूबर तक इन बीमारियों का प्रकोप अत्यधिक रहता है।

डेंगू पर नियंत्रण हेतु रखे सावधानी

ठंड देकर बुखार आना, पसीना देकर बुखार उतरना, कंपकपी आना, जी मचलाना, सिर दर्द, उल्टी इत्यादि मलेरिया व डेंगू के लक्षण है। मलेरिया बीमारी के नियंत्रण के उपाय के लिये ही नहीं, बल्कि मच्छरजनित अन्य बीमारियों जैसे-फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के प्रभावी नियंत्रण करना है। 


डेंगू मलेरिया के लक्षण- सर्दी व कंपन के साथ तेज बुखार, उल्टियां और सिरदर्द। पसीना आकर बुखार उतरना, बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होना।


यदि बुखार हो तो क्या करें-  बुखार आने पर तुरंत रक्त की जांच करायें। मलेरिया की पृष्टि होने का पूरा उपचार लें। खाली पेट दवा कदापि न लें। मलेरिया हेतु खून की जांच व उपचार सुविधा समस्त शासकीय अस्पतालों पर निःशुल्क उपलब्ध है।


डेंगू मलेरिया फैलाने वाले मच्छर कहां पैदा होते हैं- छत पर रखी पानी की खुली टंकियां। टूटे बर्तन, मटके, कुल्हड, गमलों में एकत्र जल में। बेकार फेकें हुए टायरों में एकत्र जल में। बिना ढंके बर्तनों के एकत्र जल में। कूलर में एकत्र जल में। किचन गार्डन में रूका हुआ पानी। गमले, फूलदान, सजावट के लिए बने फव्वारे में एकत्र जल में।


क्या करें- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। घर के आस-पास के गड्ढों को भर दें। पानी से भरे रहने वाले स्थानों पर टीमोफॉस, मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन ऑइल डालें। घर एवं आरपास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें। सप्ताह में एक बार अपने टीन, डिब्बा, बाल्टी इत्यादि का पानी खाली कर दें। दोबारा उपयोग होने पर उन्हें अच्छी तरह सुखायें। सप्ताह में एक बार अपने कूलर्स का पानी खाली कर दें, फिर सुखाकर ही उनका उपयोग करें। पानी के बर्तन आदि को ढक्कर रखें। हैण्डपंप के पास पानी एकत्र न होने दें।

Comments

Popular posts from this blog

सरपंचों के आन्दोलन के बीच मंत्री प्रहलाद पटेल की बड़ी घोषणा, हर पंचायत में होगा सामुदायिक और पंचायत भवन bhawan Aajtak24 News

पंचायत सचिवों को मिलने जा रही है बड़ी सौगात, चंद दिनों का और इंतजार intjar Aajtak24 News