कलेक्टर ने जिला परियोजना प्रबन्धन समिति की बैठक में दिये निर्देश | Collector ne jila pariyojna prabandhan samiti ki bethak

कलेक्टर ने जिला परियोजना प्रबन्धन समिति की बैठक में दिये निर्देश

कलेक्टर ने जिला परियोजना प्रबन्धन समिति की बैठक में दिये निर्देश

हरदा - कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की जिला परियोजना प्रबन्धन समिति की बैठक लेकर शाला प्रवेशोत्सव अभियान की विस्तार से समीक्षा की और निर्देश दिये कि 6 से 14 वर्ष आयु के सभी बच्चों को प्राथमिकता से स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाये। उन्होने कहा कि कोई भी बच्चा स्कूल में प्रवेश से छूटे नहीं। कलेक्टर श्री गुप्ता ने जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश दिये कि शिक्षकों के माध्यम से घर-घर सम्पर्क कर यह पता लगाया जाए कि घर में कोई बच्चा ऐसा तो नहीं है, जिसकी स्कूल जाने की उम्र तो है लेकिन उसने स्कूल में प्रवेश नहीं लिया है। यदि ऐसा बच्चा पाया जाए तो उसे तुरन्त स्कूल में प्रवेश दिलाया जाये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. राम कुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रजापति के साथ-साथ सभी विकासखण्डों के विकासखण्ड स्रोत समन्वयक तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी मौजूद थे। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में विद्यार्थियों को गणवेश वितरण व पाठ्यपुस्तक वितरण की विकासखण्डवार प्रगति की समीक्षा भी की।  कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक को शालाओं में बच्चों के प्रवेश व नामांकन की प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जिन बच्चों का आधार पंजीयन न होने से स्कूल में प्रवेश नहीं हो पा रहा है, ऐसे बच्चों का आधार पंजीयन प्राथमिकता से कराया जाए। उन्होने कहा कि जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बच्चों के आधार पंजीयन के लिये आवश्यक सहयोग करें ताकि सभी बच्चों का नाम स्कूलों में दर्ज हो सके। उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि सभी शिक्षकों का कोविड वेक्सीनेशन शतप्रतिशत हो जाए, यह सुनिश्चित करें। जिन शिक्षकों को दूसरा डोज अभी नहीं लगा है तो उन्हें दूसरा डोज लगवाने के लिये कहें। जिला परियोजना समन्वयक ने बैठक में बताया कि इस वर्ष से राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तक वितरण की ऑनलाईन मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग की जा रही है। उन्होने बताया कि जिले में महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों की दो-दो जोड़ी गणवेश तैयार कराई जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रजापति ने बैठक में बताया कि विद्यार्थियों का मूल्यांकन वाट्सअप पर प्रश्न भेजकर करने की व्यवस्था राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा की गई है लेकिन विद्यार्थियों के पास मोबाईल न होने से इसमें कम बच्चे शामिल हो पाते है। कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिये कि जिन विद्यार्थियों के पास मोबाईल नहीं है, शिक्षक अपने मोबाईल के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन कार्य सम्पन्न कराएं।

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