व्यक्ति का मन शुद्ध होना चाहिये: मुनि पीयूषचन्द्रविजय
राजगढ़/धार (संतोष जैन) - गाय को घर में पालने से नकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है । गाय खरीदने से पहले व्यक्ति यह देखता है कि वह दूध कितना देती है । उसके रंग रुप से उसको कोई लेना देना नहीं होता है । उसी प्रकार हमें बाह्य सुन्दरता से कोई वास्ता नहीं रखना चाहिये अन्दर के गुणों को विशेष रुप से परखना चाहिये । पेकिंग कितनी भी सुन्दर क्यों ना हो पेकिंग के अंदर का सामान कितना अच्छा है यह बात महत्वपूर्ण है । ज्ञानी कहते है कि व्यक्ति का मन शुद्ध होना चाहिये । मन की शुद्धता के सामने बाह्य सुन्दरता गौण हो जाती है । गुणों की गणना के सामने रुप गौण होता है । उक्त बात गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने ंराजेन्द्र भवन में कही । आपने बतलाया कि जब श्रीराम वनवास गये उनके साथ सीता माता ओर लक्ष्मण उनके साथ गये थे । जैन शास्त्रों के अनुसार श्रीराम का 9 बलदेवों में पूण्य प्रबल था और 9 वासुदेवों में लक्ष्मण के पास अतुलित बल, रिद्धि-सिद्धि थी ओर रावण प्रतिवासुदेव था । शास्त्रों के अनुसार वासुदेव के हाथों प्रतिवासुदेव पराजय प्राप्त कर मारा जाता है । राम ओर लक्ष्मण में अविहल प्रगाढ़ प्रेम था । बलदेव ओर वासुदेव में भी अनन्य प्रेम होता है । ज्योतिष के अनुसार बुधवार को विजय मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है । विजय मुहूर्त 12ः07 से 12ः39 तक माना जाता है । ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के अंतिम प्रहर से सूर्योदय के पूर्व तक की वेला में होता है । जन्मदात्री मॉं कहलाना बहुत सरल है पर संस्कारदात्री मॉं बनने के लिये बहुत संघर्ष परिश्रम करना पड़ता है । हमें जन्म लेते समय यदि रोना पड़े तो कोई बात नहीं पर मृत्यु के समय इस जीव को नहीं रोना पड़े । हमारे कर्म इतने अच्छे होना चाहिये कि अंतिम समय में भी हम समाधि पूर्वक अपनी देह का त्याग कर सके ।
राजगढ़ श्रीसंघ में मुनिश्री की प्रेरणा से नियमित प्रवचन वाणी का श्रवण कर श्रीमती पिंकी सुमितजी गादिया राजगढ़ ने अपनी आत्मा के कल्याण की भावना से महामृत्युंजय तप प्रारम्भ किया था, आज उनका 20 वां उपवास है । नमस्कार महामंत्र की आराधना मुनिश्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. की निश्रा में 14 अगस्त से 22 अगस्त तक श्रीसंघ में करवायी जावेगी । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वावधान में प.पू. गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का पुण्योत्सव 11 से 18 सितम्बर तक श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में मनाया जावेगा ।