प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से मशीन लगाकर नदियों से निकाली जा रही है रेत
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - छिंदवाड़ा की रॉयल्टी से सिवनी जिले में हो रहा अवैध रेत उत्खन्न एवं परिवहन लालबर्रा पुलिस ने 5 डंपरों को जप्त कर खड़ा कर रखा है थाने में सिवनी जिले की रेत खदानों से प्रतिबंध के बावजूद भी खनिज विभाग के नाक के नीचे से खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है ! हाल ही में सिवनी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सिवनी द्वारा खनिज एवं सिवनी जिले के समस्त थानेदारों को प्रतिबंध अवधि में रेत के खनन एवं अवैध रेत उत्खन्न के खिलाफ त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए गए थे ,बावजूद इसके जिला कलेक्टर एवं पुलिस कप्तान के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है ! विगत दिनों सिवनी जिले की सीमा पर गुरुवार को रेत से भरे पांच डंपर पकड़े जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ था कि छिंदवाड़ा जिले की भंडारण अनुमति अनुसार जारी की गई रॉयल्टी के आधार पर सिवनी जिले के केवलारी अंतर्गत आने वाले ग्राम बागडोंगरी की हिर्री नदी से रेत का अवैध उत्खनन किया जाकर परिवहन किया जा रहा था ! प्रतिबंध के बावजूद भी सिवनी जिले में रेत का अवैध खनन और परिवहन लगातार जारी है !जिसकी खबरे आये दिन सार्वजनिक हो भी हो रही है ! बीते दिनों वनविभाग द्वारा केवलारी विकासखंड के ग्राम इमलीटोला से तथा कुरई विकाशखण्ड के खैरघाट से पृथक प्रथक पोकलेन मशीनें जप्त की थी ! इन सब के बाद भी खनिज विभाग नींद से नही जाग रहा है ! जिसके परिणामस्वरूप रेत का अवैध खनन और परिवहन लगातार जारी है ! कंजई नाके में जांच के दौरान 5 डंपरों ने प्रतिबंधात्मक अवधि में रेत खनन करके परिवहन करने का मामला सामने आया था ! जिससे स्पष्ठ हो गया था कि प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में ही सफेद रेत का काला कारोबार जारी है ! रेत के गोरखधंधे में लिप्त कारोबारियों ने छिंदवाड़ा जिले की रॉयल्टी पर्ची पर सिवनी जिले की बागडोंगरी से रेत निकाली थी ! बालाघाट तथा सिवनी जिले का खनिज महकमा एवं लालबर्रा पुलिस अब इस पतासाजी में लगी है कि आखिर इस सबके पीछे कौन लोग है? विगत दिनों बालाघाट जिले के खनिज विभाग के अमले ने जांच के दौरान बालाघाट-सिवनी सीमा के कंजई नाके में पकड़े गए 5 डंपरों में छिंदवाड़ा जिले के खुटामा रेट भंडारण स्थल की रॉयल्टी पर्ची मिली !पूछताछ पर डंपर चालको ने सिवनी जिले की बागडोंगरी खदान से रेत भरना बताया था ! अब इस मामले में बालाघाट की लालबर्रा पुलिस कार्यवाही कर रही है ! सूत्रों की माने तो छिंदवाड़ा जिले के खुटामा स्थल से 5 अगस्त को रॉयल्टी पर्ची/टी पी जारी की गई थी ! इस पर्ची के अनुसार खुटामा से रेत जबलपुर जाना था! लेकिन जबलपुर जाने की बजाय जिले के बन्डोल के रहने वाले रंजीत कुमार के बताए जा रहे है !उक्त सभी पांच डंपर क्रमांक एमपी 22 H 1378 बारह चका,एमपी 22 H 1429 बारह चका ,एमपी 22 H 1613 दस चका ,एमपी 22 G 3750 छह चका तथा एमपी 22 G 0738 छह चका ,लालबर्रा थाने में जप्ती करते हुए खड़े किए गए है ! जब इन डंपरों को पकड़ा गया तब इनमे भरी रेत से लगातार पानी गिर रहा था जिससे साफ तौर पर पता चलता है कि नदियों से इन्हें पोकलेन मशीन के माध्यम से भरा गया था ! अब देखना यह है कि बालाघाट और सिवनी जिले का खनिज विभाग प्रतिबंध के बावजूद भी हो रहे बेजा रेत खनन और परिवहन पर मिलकर आखिर कब और क्या कार्यवाही करता है ? और यह रेत का अवैध खनन तथा फर्जी रॉयल्टी पर परिवहन कब बन्द होता है तथा इसमे लिप्त माफियाओ पर क्या कार्यवाही की जाती है !