चंद्रपुर से पैदल आ रहे बैंगा परिवार को मंत्री श्री कावरे ने उपलब्ध कराई सहायता
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - लाॅकडाऊन के कारण चंद्रपुर महाराष्ट्र से पैदल चलकर छीतल पानी मलाजखण्ड, मोहगांव रवाना हुए बैगा परिवार की सूचना मिलने पर आयुष मंत्री माननीय श्री रामकिशोर नानो कावरे ने सह-हृदयता दिखाते हुए उनके लिए भोजन एवं गृह निवास तक परिवहन की व्यवस्था उपलब्ध कराई। दिनांक 03.06.2021 को सुबह 11ः00 बजे के आसपास यह परिवार जिसमें एक वृद्ध, एक महिला एक पुरूष एवं 06 छोटे बच्चे जो थकान से चकनाचूर लग रहे थे। रास्ते में पैदल चलते माननीय मंत्री जी के निज सहायक डाॅ. निलेश को देवटोला के पास मिले देखते हि लग रहा था कि ये बहुत दूर से पैदल आ रहे है। और बुरी तरह थक चूके है। इस परिवार के छोटे छोटे मासुम बच्चे भी कडक धूप में सिर पर गठरी लिए पैदल चल रहे थे। मंत्री जी के निज सहायक डाॅ. निलेश द्वारा उपरोक्त परिवार को माननीय मंत्री जी के आॅवलाझरी स्थित कार्यालय बुलाकर उनसे चर्चा की। उनके लिए अपने कार्यालय में नास्ते एवं भोजन की व्यवस्था की।
साथ ही माननीय मंत्री जी दूरभाष पर उपरोक्त परिवार की व्यथा से अवगत कराया। मंत्री जी ने सह-हृदयता दिखाते हुए उपरोक्त श्री समल सिंह मेरावी के परिवार की जो कि बैगा जनजाति से है की मद्द करने एवं उनके गणतव्य तक परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। निर्देशानुसार बालाघाट एस.डी.एम. श्री के.सी. बोपचे एवं यातायात थाना प्रभारी श्री धिरेन्द्र मिश्रा ने जानकारी ली। और तत्काल ही उपरोक्त परिवार की पीड़ा जानने आयुष मंत्री जी के कार्यालय पहुचे। उन्होने बैगा जनजाति परिवार का हालचाल जाना और निर्देशानुसार उनके लिए परिवहन एवं रास्ते में खाने के लिए फल की सुविधा उपलब्ध कराई। परिवार के श्री समल सिंह मेरावी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि चंद्रपुर (महाराष्ट्र) में बांस कटाई का कार्य करने दो माह पूर्व गये थे। लाकडाऊन लग जाने के कारण बांस कटाई का कार्य बंद हो गया और वे वहाॅ फस गये। धिरे-धिरे राशन खत्म होने की कागार पर पहुंच गया। इस बिच उनका मोबाईल भी चोरी हो गया। इसके बाद उन्होने अपने गृह ग्राम वापस आने का फैसला किया। लाॅकडाऊन के कारण बस एवं गाड़ी बंद होने के कारण वे पैदल ही बालाघाट जिले के ग्राम छीतल पानी के लिए चल पड़े। इस दौरान तीन राते रास्ते में ही गुजारनी पड़ी। रास्ते में कुछ लोगों ने नास्ता इत्यादी देकर सहयोग किया। गांेदिया अर्जुनी के पास आॅटो वाले से सहायता मांगने पर उसने रजेंगांव बार्डर छोड दिया। फिर बाकि का सफर पैदल तय करते हुए वे बालाघाट पहुंचे। आपबिती बताते हुए उनकी आॅखों से आंसू छलक गये। उन्होने जाते-जाते आयुष मंत्री श्री नानों कावरे निज सहायक डाॅ. निलेश, एस.डी.एम. श्री के.सी. बोपचे, यातायात थाना प्रभारी श्री धिरेन्द्र मिश्रा को दुआ देते हुए कोटी-कोटी धन्यवाद दिया।