बच्चों के साथ भीख मांगते पिता की व्यथा सुनने पर पुलिसवालों ने दिलवाया राशन
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - भले ही हमने पुलिस में वर्दी का रौब देखा होगा, लेकिन उनके अंदर छिपी मानवता भी कभी कभी देखने मिल जाती है । जिसका नजारा उस समय दिखा जब दो मासुम बच्चों के साथ एक व्यक्ति भीख मांगते पुलिसकर्मियों को नजर आया । तब मानवीयता का परिचय देते हुए उस गरीब परिवार के लिए चांवल से लेकर पूरे राशन की व्यवस्था की और उसे उसके घर तक पहुंचाया भी अब गरीब के घर का चूल्हा जल सकेगा गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते गांव में मनरेगा के तहत मजदूरों को काम तो मिल रहा है, लेकिन शहरी क्षेत्र में मजदूरों को काम नहीं मिलने से वह घर पर बैठे है, ऐसे में उनकी आर्थिक हालत कमजोर होने के साथ ही लगातार बढ़ते लॉकडाउन और काम नहीं मिलने से उनकी स्थिति भुखमरी के कगार पर आ गई है। हालांकि सरकार ने इस बार गरीबों को तीन महिने का राशन दिया है, लेकिन वह एपीएल कार्डधारकों को नहीं मिल पा रहा है ।
बताया जाता है कि नगरीय क्षेत्र के वार्ड कमांक 29 निवासी राजेन्द्र बंशकार विगत 15 सालों से बालाघाट में रहकर बैंड पार्टी के साथ बाजे बजाना का काम करता था। चूंकि कोरोना कॉल में विवाह कार्यक्रमों में प्रतिबंध है, जिससे इस काम में लगे लोग मजदूर बनकर काम करने लगे थे, लेकिन मजदूरी काम भी बंद होने से ऐसे लोगों के सामने परिवार को चलाने की समस्या आन पड़ी है । किसी तरह उस व्यक्ति ने कुछ दिन आधा पेट खाकर तो घर चलाया लेकिन जब घर में अन्न का दाना नहीं बचा तो वह बच्चों के साथ सुनसान सड़को पर भीख मांगने निकल पड़ा। अपने
दो मासुम बच्चों के साथ सड़क पर भीख मांगते व्यक्ति को जब लॉकडाउन का पालन करवाने वाले कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे देखा तो उसे अपने पास बुलाकर उसकी व्यथा सुनाई। जिससे पुलिसकर्मियों का दिल पसीज गया । जिसके बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने अपने जेब से लगभग 14 रूपये के राशन में चांवल, तेल, आटा, नमक, मिर्ची, धनिया, हल्दी, शक्कर, माचिस सहित दैनिक उपभोग की सारी सामग्री उसे दिलाई और उसके राशन को उसके घर तक छोड़कर आये