डॉ. जायसवाल और सीएमएचओ डॉ. गर्ग बनें युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत
हमारे कोरोना योद्धाओं के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं
बुरहानपुर (अमर दिवाने) - जिले के ऐसे दो वरिष्ठ चिकित्सक जो अपनी उम्र को पछाड़कर युवाओं की भांति सक्रियता से कोरोना की चेन तोड़ने के लिए दिन-रात अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। हम बात कर रहंे हैं, 70 वर्ष से अधिक आयु के सर्जन डॉ.पी.के.जायसवाल और 65 वर्षीय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे डॉ. एम.पी.गर्ग की। वर्तमान दौर को कोरोना महामारी ने जकड़ रखा हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को परास्त करने के लिए जिले में हमारे कोरोना योद्धा आगे आकर अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।
उम्र किसी भी कार्य के लिए बाधक नहीं होती हैं यह साबित कर रहे हैं बुरहानपुर जिले के विख्यात सर्जन डॉ.पी.के.जायसवाल। उनकी सकारात्मक सोच एवं काम के प्रति लगाव देखते हुए उन्हें किसी युवा डॉक्टर से कम नहीं आँका जा सकता हैं। उन्हें सर्जरी का 50 वर्ष का अनुभव है एवं उन्होंने एक लाख से ऊपर मेजर ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए हैं। वे वर्तमान में सेवालय हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। टीकाकरण के लिए नागरिकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 70 वर्ष से अधिक आयु पूर्ण कर चुके डॉ जायसवाल बताते हैं कि मैं डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, किडनी जैसी विभिन्न समस्याओं से जूझता रहा हूंँ, मैं प्रतिदिन 17 गोली एवं 4 इंसुलिन इंजेक्शन लेता हूँ, मेरी एक ही किडनी है और उसने भी स्टैंड डला हुआ है। इन सभी समस्याओं के बावजूद मैंने कोरोना का टीका लगवाया है और मुझे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई है। मेरा सब से यही निवेदन है कि आप भी कोरोना का टीका अवश्य लगवाएं। यह टीका आपको अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेगा। आपको अफवाह, भ्रांतियों एवं किसी भी प्रकार से डरने की आवश्यकता नहीं है।
डॉ.एम.पी.गर्ग भी किसी से पीछे नहीं
बुरहानपुर जिले में 65 वर्षीय डॉ.एम.पी.गर्ग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए कोरोना महामारी के इस दौर में अपनी निरंतर सेवाएं दे रहे हैं। वे अपने कर्तव्यों को बड़ी निष्ठा, लगन के साथ निर्वहन कर रहे हैं। वे प्रतिदिन नयी ऊर्जा के साथ अपने समस्त कार्यो में रूचि लेकर बेहतर रूप से संपादित कर रहे हैं। डॉ.एम.पी.गर्ग को समय भी नहीं बांध पाया हैं आवश्यतानुसार समय को महत्व देते हुए वह किसी भी पल अपनी सेवाएं देने के लिए तुरंत मौजूद हो जाते हैं। यह हमारे देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायी के रूप में उभर रहे हैं। जहां व्यक्ति कोरोना से डरता हैं वही ये सजगता के साथ सदैव सेवाभाव से खडे़ रहते है।
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