मौत के आंकड़े छुपा रही सरकार और प्रशासन 48 घंटे में 50 से अधिक मौत | Mout ke akde chhupa rhi sarkar
मौत के आंकड़े छुपा रही सरकार और प्रशासन 48 घंटे में 50 से अधिक मौत
सरकारी आकड़ो के मुताबिक केवल 3 की मौत तो अन्य मौतों के जिम्मेदार कौन
छिंदवाड़ा (शुभम सहारे) - छिंदवाड़ा में कोरोना का संक्रमण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. सरकारी आंकड़ों में कोरोना (Corona) की जो स्थिति दिखाई जा रही है हालात उससे ज्यादा गंभीर हैं. सरकार पर पिछले कई दिनों से मौत के आंकड़ों को छुपाने का आरोप भी लग रहा है. छिंदवाड़ा कोविड अस्पताल (Covid Hospital) के बाहर लोगों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है. परिजनो का साफ कहना है कि जब मरीज को लेकर आए तो वह ठीक थे लेकिन उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.
जब इन मरीज की मौत कोरोना से नही हो रही है संदिग्ध सस्पेंस रिपोर्ट में बताया जा रहा है। तो इन मौतो के जिम्मेदार कौन होगा। जिला प्रशासन या अस्पताल प्रबंधन। मरीजो को उचित इलाज नही मिलने से लगातार मौते हो रहे हैं।
और प्रशासन की नकामी मरे लोगो का अंकाडा छिपा रहा है। व्यवस्था बनाने की वजह।
लोग अस्पताल अपनी जान बचाने के लिए भगवान रुपी डॉ के पास जाता था।
लेकिन आज इसके विपरीत लोग अस्पताल अपनी जान देने जा रहा है।
जनता पीढित परिजन अवाज उठाये तो प्रशासन बेबुनियादी खबर खण्डन करके पीढित की आवाज दबा दी जा रही है।
शर्म करो शासन प्रशासन के जिम्मेदार लोग। आप पीढित परिवार के आकड़े नही मिटा सकते।
अस्पताल से निकलने वाले शवों को देखकर सरकार के दावों पर यकीन करना मुश्किल है. इस संबंध में एक पत्रकार ने जब छिंदवाड़ा के कोविड अस्तपाल में रात्रिकालीन रुककर हकीकत जानने की कोशिश की तो हालात बेहद डरावने दिखे. 10 बजे रात से लेकर दोपहर 3 बजे तक हर घंटे कम से कम 10 बॉडी अस्पताल से बाहर ले जाई गईं. करीब 6 घंटे में यहां से 50 से ज्यादा शवों को बाहर ले जाया गया. छिंदवाड़ा के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 48 घंटे में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छिंदवाड़ा में केवल 3 मौतें हुई हैं, लेकिन यहां की हकीकत कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है.छिंदवाड़ा के सिर्फ एक अस्पताल में ही सरकारी आंकड़ों से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है. पूरे छिंदवाड़ा के अस्पतालों को देखा जाय तो हालत बेहद गंभीर दिखाई पड़ते हैं.उन चलती धधकती चिताओ को देखकर गिनती करके अनुमान लगाया जा सकता है पीढित परिवार के दुख को देखकर नम आखें हो जाती है।
शासन प्रशासन की नकामी साफ दिखाई दे रही मानवता यहा मरती दिखाई दे रही है।
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