परमपिता परमात्मा शिव बाबा का संदेश देने के लिए जुलूस के रूप में शोभायात्रा निकाली गई
मनावर नगर के प्रमुख मार्ग में शिव का संदेश भी दिया गया
ब्रम्हाकुमारी सुंदरी दीदी ने कहा शिव और शंकर में अंतर है। शिव निराकार रूप है। और शंकर आकार स्वरूप है।
मनावर (पवन प्रजापत) - धर्म व पूजा पद्धतियों की राहें चाहे अलग हो सकती है।लेकिन सभी की मंजिल एक ही है वह है परमपिता परमात्मा l सबका मालिक एक ही है l अनेक लोगों के त्याग बलिदान और समर्पण के फलस्वरुप यह सभी वीर पुरुष अध्यात्म से परिपूर्ण थे l ऊर्जा, उत्साह, उमंग .वीरता ,हिम्मत और जीवन तक बलिदान करने की सोच के लिए आध्यात्मिक होना जरूरी है l हम गुलामी के बंधन से तो छूट गए लेकिन विकारों की गुलामी से छूटे नहीं तभी हम शिव का संदेश दे रहे हैं l
प्रातः स्थानीय सेवा केंद्र पर प्रवचन ध्यान,योग किया गया। तत्पश्चात परमात्मा शिव का झंडा वंदन किया। वह शिव के ध्वज के नीचे प्रतिज्ञा भी ली गई। 85 शिवजयंती मनाई गई। केक काटकर सभी भाई बहनों को प्रसाद वितरण किया गया। परमात्मा शिव की याद में शिव संदेश देने के लिए शिवलिंग की झांकी व माताएं और बहनें सिर पर कलश लेकर तो भाइयों को बैनर और झंडे लेकर चल रहे थे। स्थानीय सेवा केंद्र से मनावर नगर प्रमुख मार्गो धार रोड, बस स्टैंड, इंदौर रोड, क्रांति चौपाटी, मेन रोड, गांधी चौराहा होती हुई। अपने स्थान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय पुष्पा कॉलोनी पहुंची। संचालिका ब्रम्हाकुमारी सुंदरी दीदी व नगर के शिव भक्त तन मन धन से सेवा दे रहे थेl