धर्म के कार्य मे बाधक बनने बाला ही सबसे बड़ा दरिद्र होता है: आचार्य प.विमल कृष्ण शास्त्री जी
ईस्वर कभी भी ऐसे ब्यक्तियो की इच्छा शक्ति पूर्ण नही करता: आचार्य प.विमल कृष्ण शास्त्री जी
भिंड (मधुर कटारे) - जानकारी अनुसार श्री मद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में आज चतुर्थ दिन पर भगवान कृष्ण जी का जन्मोत्सव बाबन भगवान ओर राजा बलि की कथा भगवान राम जी का विवाह आदि की कथा का वर्णन किया गया।
आचार्य विमल कृष्ण पाठक शास्त्री जी ने महिलाओ के बेटियों के बारे में कहा हर ब्यक्ति को अपना ब्यक्तत्व चमकाने के लिए माता बेटी बहनों का सम्मान करना चाहिए सम्मान ही देने से हमे सम्मान प्राप्त होता है, भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते है भगवान राम ने महिलाओ की मान मर्यादा करने का उद्देश्य रामायण श्री राम चरित मानश में बताया है ,श्री राम ने मानवता का पाठ पढ़ाया है, मानश का क्या अर्थ है ।इस के बारे में बताया ,मानश में 5 शव्द जोड़े जाते है , पहला शव्द है ।म अ न श ,
म, से मर्यादा
अ से आदर्श
न से नम्रता
स से सहन शीलता
जिस ब्यक्ति के जीवन में यह चार शव्द आ जाये बहि सच्चा मानश बन जाता है , आदर्श बन जाता है।
सुंदर भजन की प्रस्तूति देकर श्रोताओं के मन को श्री वृंदावन बना दिया ,
राम नाम के हीरे मोती में तो गाऊ गली गली ,लेलो कोई राम का प्यारा शोर मचाउ गली गली
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम,,
जब से साँवरे ने पकड़ा मेरा हाथ तो हो गई मेरी बल्ले बल्ले
बधाइयां बाजे बधाइयां बाजे ,आँगने में ,
साफ सफाई स्वछता बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर सुंदर सुंदर उदाहरण देकर जागरूकता की बाते भी बताई
महिला मंडल के द्वारा भिंड शहर के सभी पत्रकारों का उपहार भेंट कर सम्मानित किया श्री श्री 108 अवतारी दास महाराज हिरदेश पाठक जी ने भगवान लक्ष्मन का पूर्ण वर्णन किया।