भारत का प्राकृतिक नक्शा उभरा
खलघाट (मुकेश जाधव) - पतित पावनी कल कल बहती माँ नर्मदा का जलस्तर इन गर्मीयो के दिनों में दिनों दिन नर्मदा जी का जलस्तर घटता चला जा रहा है अभी तो पूरी तरह गर्मी ने तेवर भी नही दिखाए ओर नर्मदा जी का जलस्तर काफी कम हो चुका है नर्मदा से काली काली चट्टाने व सम्पूर्ण स्नान घाट उभर आये है। यह सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर से लगभग 240 दिन यह सम्पूर्ण घाट इस बैक वाटर से जलमग्न थे आज मार्च के आधे माह में ही नर्मदा के तट पूरी तरह दिखाई देने लगे है। तो वही नर्मदा जी के पानी मे भी काफी कमी अब देखी जा रही है अभी तो गर्मी प्रारंभ होने जा रही है। वही कदरती भारत का नक्शा संजय सेतु व खलघाट के पुराने ब्रिज के बीच मे भारत के नक्शे के समान यह प्राकृतिक नक्शा भी अपनी पूरी आकृति में दिखाई देने लगा है आज बॉम्बे आगरा मार्ग क्रमांक 52 से आने जाने वाले यात्री इस खूबसूरत प्राकृतिक नक्शे को देखने के लिए अक्सर संजय सेतु से बिना निहारे अपने मोबाइल से सेल्फी लिए बिना नही मानते संजय सेतु के बीचों बीच पॉइंट से भारत के नक्शे की आकृति वाला नक्शा दिखाई पड़ता है। इस प्रकृति भारत के नक्शे को देश भर के ट्यूरिस्ट अपने मोबाइल में कैद कर निकल पड़ते है। जबकि यह नक्शा बारिश होते ही कुछ महीनों के लिए लगातार नर्मदा जी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह टापू जलमग्न हो जाता है। इस नक्शे को लुफ्त उठाने के लिए दूर दूर से कई महानगरों के हजारों लोग निहारते है। फिलहाल यह नक्शा अब गर्मी के पूर्व ही पूरी तरह उभरने पर पूरी तरह उतारू है।