नेहरू स्पोर्टिंग क्लब ने सच्चे साथी को खो दिया-पाठक | Nehru sporting club ne sachche sathi ko kho diya

नेहरू स्पोर्टिंग क्लब ने सच्चे साथी को खो दिया-पाठक

नेशनल हॉकी खिलाड़ी हीरालाल नागोसे पंचतत्व में विलिन

नेहरू स्पोर्टिंग क्लब ने सच्चे साथी को खो दिया-पाठक

बालाघाट (देवेंद्र खरे) - बालाघाट  हॉकी के नेशनल खिलाड़ी हीरालाल नागोसे का लंबी बीमारी के चलते 11 जनवरी की दोपहर नगर के बुढ़ी स्थित निज-निवास में निधन हो गया था। जिनका अंतिम संस्कार 12 जनवरी को नगर के बुढ़ी स्थित मोक्षधाम में किया गया। गौरतलब हो कि हॉकी खिलाड़ी हीरालाल नागोसे विगत काफी समय से वह कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। जिनका ईलाज जारी था। वर्ष 84-85 में हॉकी संघ द्वारा आयोजित सीनियर हॉकी नेशनल टूर्नामेंट में हॉकी खिलाड़ी हीरालाल नागोसे ने गोलकीपर के रूप में नेशनल मैच खेला था। जिनके गोलकीपिंग के लोग दिवाने थे। 

इस तरह से हॉकी खिलाड़ी हीरालाल नागोसे के चले जाने से उनके परिचितों और हॉकी खिलाड़ियो में शोक का व्यक्त किया है। नेहरू स्पोर्टिंग क्लब अध्यक्ष राजेश पाठक, महासचिव विजय वर्मा, पूर्व अध्यक्ष अनिल धुवारे, संरक्षक ज्ञानचंद बाफना, ऋषभ वैद्य, प्रेमचंद वैद्य, किरणभाई त्रिवेदी, वित्त प्रबंधक श्रीमती मौसम हरिनखेड़े, वरिष्ठ खिलाड़ी अखिल वर्मा, राजकुमार शांडिल्य, प्रकाश चतुरमोहता, विजय डेनियम, नसीम खान, अशोक मोदी, प्रमोद तिवारी, अभय सेठिया, सुधांशु तिवारी, सुशील वर्मा, जसबिंदरसिंघ सौंधी, शफकत खान, वामन उके, संजयसिंह कछवाहा, अरविंद जायसवाल, मकरंद अंधारे, तुषार मानकर, सुब्रत राय, गोपाल धुर्वे, विनोद साव, रमेश उके, ब्रजेश मिश्रा, राजेश सेवईवार, चिनु गंगवानी, रमेश इंगले साहित अन्य सदस्यों ने शोक व्यक्त करते हुए मृतात्मा को चरणो में स्थान देने और शोकाकुल परिवार को इस गहन दुख से लड़ने की शक्ति देने ईश्वर से प्रार्थना की है। 

नेहरू स्पोर्टिंग क्लब अध्यक्ष राजेश पाठक ने कहा कि हॉकी के नेशनल खिलाड़ी हीरालाल उर्फ हीरू नागोसे नेहरू स्पोर्टिंग क्लब के सक्रिय सदस्य थे। जो विगत काफी समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे है, जिनके आकस्मिक निधन से पूरा नेहरू स्पोर्टिंग क्लब स्तब्ध और गमगीन है, हमने हीरालाल नागोसे के रूप में न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी अपित क्लब के सक्रिय खिलाड़ी को खो दिया है, जो हमारे लिए एक अपूर्णीय क्षति है। श्री पाठक ने कहा कि खिलाड़ी हीरालाल नागोसे एक मृदुभाषी, मिलनसार और हंसमुख व्यक्तित्व के धनी थे। जिन्होंने अपने खेल से रिटायरमेंट के बाद हॉकी खिलाड़ियो को आगे बढ़ाने में जुटे रहे। जिले के सबसे बड़े स्व. नारायणसिंह परिहार की स्मृति में आयोजित अखिल भारतीय स्वर्ण कप हॉकी प्रतियोगिता में उनकी सक्रियता से साथी खिलाड़ी भी अचंभित रहते थे। जो आज हमेशा-हमेशा के लिए अपनो को छोड़ गया है।

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