आपराधिक न्यायशास्त्र में नवीनतम वाद विधियों पर ऑनलाइन वेबीनार संपन्न हुआ | Apradhik nyayshastr main navintam vaad vidhiyo pr online webinar sampann hua

आपराधिक न्यायशास्त्र में नवीनतम वाद विधियों पर ऑनलाइन वेबीनार संपन्न हुआ

आपराधिक न्यायशास्त्र में नवीनतम वाद विधियों पर ऑनलाइन वेबीनार संपन्न हुआ

इंदौर (राहुल सुखानी) - शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय इन्दौर द्वारा स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन के अधीन एक ऑनलाइन वेबीनार का अयोजन दिनांक 23 जनवरी 2021 को समय प्रातः 10:30 प्रारंभ   होकर दोपहर के 1:00 बजे समापन किया गया  । उक्त वेबीनार  में श्रीमान डाॅ इनामुर्रहमान जी ( प्राचार्य, शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय इंदौर)द्वारा जानकारी प्रदत्त की गई उक्त ऑनलाइन वेबीनार  कार्यक्रम में अधिक मात्रा में विधि के क्षेत्र में  शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थी  द्वारा   विभिन्न स्थानों से अपनी  उपस्थित  दर्ज करा कर कार्यक्रम में  सहभागिता दी गई  |स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन के अधीन ऑनलाइन  वेबीनार का  व्याख्यान श्रंखला में आपराधिक न्यायशास्त्र में नवीनतम  वाद विधियों  निर्धारित किया गया। 

आपराधिक न्यायशास्त्र में नवीनतम वाद विधियों पर ऑनलाइन वेबीनार संपन्न हुआ

ऑनलाइन वेबीनार कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमान   विनय कुमार जी गुप्ता (सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, उज्जैन  मध्य प्रदेश ) द्वारा  विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए  अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को अपराधिक विधिशास्त्र में  नवीनतम कानूनी मामलों से संबंधित विषयों पर जानकारी प्रदान की  गई जिसके अंतर्गत उन्होंने सी.आर.पी.सी.,आई.पी.सी.एवं साक्ष्य विधि से संबंधित नवीन संशोधन एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित वाद विधियों का विस्तृत रूप से उल्लेख किया । 

आपराधिक न्यायशास्त्र में नवीनतम वाद विधियों पर ऑनलाइन वेबीनार संपन्न हुआ

ऑनलाइन वेबीनार कार्यक्रम में उपस्थित  श्रीमान डाॅ इनामुर्रहमान जी ( प्राचार्य) द्वारा अपने उद्बोधन में दंड प्रक्रिया संहिता में पीड़ित शास्त्र के तहत हुए महत्वपूर्ण संशोधनों के बारे में एवं भारत में किस प्रकार से पीड़ित शास्त्र का विकास हुआ तथा विधायिका के द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता मैं संशोधन करके किस प्रकार पीड़ित शासक को स्थान दिया गया प्राचार्य द्वारा विशेष रूप से धारा 357 सीआरपीसी के विधि शास्त्रीय विचारधारा का विस्तृत उल्लेख अपने उद्बोधन में किया और यह भी जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित पक्षकार को क्षतिपूर्ति की राशि हेतु प्रतिकर देने का भी प्रावधान दंड प्रक्रिया संहिता में स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं था| भारत में अपराधिक विधियों के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित मानव अधिकार के सर्वभोमिक मानव को कैसे विधायिका एवं उच्चतम न्यायालय के द्वारा लागू किया गया है|

वेबीनार कार्यक्रम के संयोजक  प्रोफेसर श्रीमती श्वेता जी जैन एवं श्रीमान सोहेल अहमद वाणी जी (टी.पी.ओ ,स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना ) एवं वेबीनार के तकनीकी सहायक राजेश वर्मा तथा शंभू मेहता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है  महाविद्यालय के विद्यार्थी आर्यन श्रीवास्तव एवं योगेश श्रीवास्तव द्वारा कार्यक्रम का संचालन  किया गया एवं  धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर विपिन जी मिश्रा द्वारा  किया गया |

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