रेत बदलेगी जिले की तकदीर, पहली बार हुआ रेल से रेत परिवहन, युवाओं को भी मिल रहा रोजगार | Ret badlegi jile ki taqdeer pehli bar hua rail se ret parivahan
रेत बदलेगी जिले की तकदीर, पहली बार हुआ रेल से रेत परिवहन, युवाओं को भी मिल रहा रोजगार
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - खनिज संपदा से परिपूर्ण बालाघाट जिले की आय अब रेत से बढ़ती नजर आ रही है,रेत का ठेका प्राप्त कर जिले की स्वीकृत खदानों से रेत खनन कर रही कम्पनी न सिर्फ ज़िले में रेत की आपूर्ति कर रही है,बल्कि बेहतर कार्यकुशलता का परिचय देते हुए अप्रत्याशित ढंग से राजस्व में वृद्धि करते हुए इतिहास रचने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है।
वैसे तो रेत का नाम आते ही अवैध खनन और भंडारण के साथ राजस्व चोरी जैसे आरोप लगने शुरू हो जाते हैं किंतु रचना मिनरल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन पाठक तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए पहली बार रेत का परिवहन रेल्वे रेक से कर नया इतिहास रच रहे हैं । तिरोड़ी से नागपुर के अजनी तक रेत लेकर मालगाड़ी दौड़ी ,जिसका लाभ रेल्वे को भी हुआ,साथ ही प्रदेश सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। प्राप्त जानकारी अनुसार 58 वैगन रेत के परिवहन से रेल्वे को लगभग 13 लाख रुपये की कमाई हुई है। रचना मिनरल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन पाठक की कार्यकुशलता व कम्पनी में कार्यरत सभी कर्मियों की दूरदर्शिता ने बालाघाट का नाम इतिहास में दर्ज करा दिया साथ हीं दक्षिणी पूर्व मध्य रेल्वे के लिए कमाई का रास्ता भी खोल दिया। रेत की कमी के चलते नागपुर क्षेत्र में घर बनाने की चाह रखने वाले मध्यम वर्गीय परिवार परेशान थे, इस समस्या से निकालने में बालाघाट जिले की रेत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। रेत का व्यापार कर रही फर्म लगातार जिले के बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करा रही है,उद्योग विहीन इस जिले के हजारों युवा रेत घाटों में काम करके रोजगार प्राप्त कर चुके हैं,नक्सल जैसी समस्याओं के साथ जिले की भगौलिक सरंचना चुनौती से कम नहीं है,लेकिन प्रबन्धन शैली ने समस्याओं को कम कर जिले के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है । रेत खनन से लेकर भंडारण व परिवहन में लाखों मजदूर सलंग्न हैं।योग्यता अनुरूप जिले के युवा कम्प्यूटर आपरेटर, सुपरवाइजर आदि बनकर भी रोजगार प्राप्त कर रहे हैं,यह सब बेहतर तालमेल के बूते संभव हो पाया है।
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