जिले में संचालित वन स्टॉप सेंटर दे रहा है महिलाओं को नया जीवन
काउंसलिंग कर दी जा रही है सहायता एवं सुविधाऐं
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - जिले के नवीन जिला चिकित्सालय में स्थित वन स्टॉप सेंटर घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओ व बालिकाओं, गलत संगत में पड़ी हुई बालिका एवं ऐसी गतिविधियां जिससे महिलाएं पीड़ित होती है, सभी के संबंध में सुविधाएं एवं सहायता देने का कार्य कर रहा है। प्रशासक श्रीमती रेखा भोंडवे ने जानकारी देते हुए बताया कि वन स्टॉप सेंटर 13 फरवरी, 2017 से महिला बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है।
प्रशासक श्रीमती रेखा भोंडवे ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर (सखी) में 6 प्रकार की सहायता दी जाती है। जिसमें आश्रय सहायता-जहां पीडित महिलाओं को रहने के लिए खाने, कपडे़ की सुविधाएँ, विधिक सहायता-पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है। स्थापना से अभी तक लगभग 1110 प्रकरण पर वन स्टॉप सेंटर के द्वारा कार्य किया गया है। वहीं 1 अप्रैल से 8 दिसम्बर, 2020 की स्थिति में लगभग कुल प्रकरण 157 प्राप्त हुए है। जिसमें 43 प्रकरण समझौते से निराकृत, 22 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत, 09 प्रकरणों में आश्रय सहायता, 5 प्रकरण चिकित्सा सहायता, 2 प्रकरणों में पुलिस सहायता तथा 6 प्रकरणों में विधिक सहायता दी गई है।
वन स्टॉप सेंटर द्वारा दी जा रही सुविधाएं:-
परामर्श सहायता-इसके अंतर्गत यदि कोई महिला अपने पति द्वारा मारपीट या व्यवहार से पीड़ित है, तो उनकी काउंसलिग कर समझाईश दी जाती है। चिकित्सा सहायता-इसमें महिलाओं को चिकित्सा संबंधी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। जैसें-आंखों का ऑपरेशन। पुलिस सहायता-यदि किसी महिला को पुलिस सहायता की आवश्यकता होती है, तो वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से पुलिस से समन्वय स्थापित कर उसे पुलिस सहायता प्रदान की जाती है। आपातकालीन सहायता-आईएसओ प्रमाणित वन स्टॉप सेंटर 24 घंटे सुविधा के लिए उपलब्ध रहता है।
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