175 केन्द्रों पर 4738 किसानों से खरीदी गई एक लाख 20 हजार 637 क्विंटल धान | 175 kendro pr 4738 kisano se kharidi gai 1 lakh 20 hazar 637 quintal dhan
175 केन्द्रों पर 4738 किसानों से खरीदी गई एक लाख 20 हजार 637 क्विंटल धान
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने एवं उन्हें बिचौलियों व दलालों के शोषण से बचाने के लिए शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के व्यापक इंतजाम किये गये है। जिले में 16 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रारंभ कर दी गई है। बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए कुल 186 केन्द्र बनाये गये है। इनमें से 175 खरीदी केन्द्रों पर धान की खरीदी प्रारंभ हो गई है। किसानों को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जा रही हैं कि वे निर्धारित अवधि में उपार्जन केन्द्र पर धान का विक्रय करने लायें।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, बालाघाट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस.के शुक्ला ने बताया कि आज 04 दिसंबर तक जिले में 175 खरीदी केन्द्रों पर 4738 किसानों से एक लाख 20 हजार 637 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। किसानों से खरीदी गई धान का परिवहन किया जा रहा है और उसे गोदामों में पहुंचाया जा रहा है। जिले के सभी 186 उपार्जन केन्द्रों पर धान की खरीदी के लिए बारदाना एवं अन्य व्यवस्थाएं की गई है । किसानों से अपील की गई है कि शासन के निर्देशों के अनुसार प्रथम बार एसएमएस प्राप्त होने के पश्चात धान विक्रय नहीं करने पर पुनः एसएमएस प्राप्त होने की प्रतिक्षा करनी होगी तथा एसएमएस प्राप्त होने के पश्चात 7 दिवस के भीतर धान उपार्जन केन्द्र पर विक्रय हेतु लाना अनिवार्य है।
इस वर्ष जिले में लगभग 04 लाख 88 हजार मेट्रिक टन धान के समर्थन मूल्य पर उपार्जन का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष जिले में धान खरीदी के लिए 167 केन्द्र बनाये गये थे और 04 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया था। गत वर्ष जिले के एक लाख 16 हजार 88 किसानों का पंजीयन किया गया था और उसमें से 89 हजार 434 किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन किया गया था। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए इस वर्ष जिले के एक लाख 18 हजार 404 किसानों का पंजीयन किया गया है। चालू सीजन में किसानों से 1868 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की जायेगी। किसानों को सलाह दी गई है कि वे धान को अच्छी तरह से सुखाकर और छानकर ही बिक्री के लिए लेकर आये। धान में नमी नहीं होना चाहिए।
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