नशा मुक्ति के लिए लाखों का बजट फिर भी गिरफ्त में बच्चे
2 साल में 78 बच्चे मिले नशे के आदी 3 बच्चियां भी शामिल
भोपाल (संतोष जैन) - प्रदेश में यह आकडा चौ काता है कि बच्चे नशे की लत में पढ़ते जा रहे हैं पिछले 2 साल में 78 बच्चे नशे के आदी पाए गए यह सरकारी आंकड़ा है जबकि गैर सरकारी आंकड़ा इससे ज्यादा हो सकता है यह हालत तब है जब सरकार नशा मुक्ति के लिए प्रतिवर्ष लाखों का बजट खर्च करती है सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक 9 जिले में बच्चे नशे की लत के शिकार पाए गए हैं इनमें जबलपुर छिंदवाड़ा बालाघाट रतलाम भोपाल विदिशा अनूपपुर गुना और धार शामिल भोपाल में सबसे ज्यादा ऐसे 28 बच्चे मिले जबलपुर दूसरे नंबर पर है 3 बच्चियां भी नशे की आदी पाई गई इन बच्चों का पुनर्वास किया गया है नशा मुक्ति के लिए बजट की बात करें तो 2018 19 में 11लाख का प्रावधान किया गया था चालू वित्तीय वर्ष में मात्र 73लाख रुपए का प्रावधान किया गया है यानी लगभग 15 गुना कटौती कर दी गई इस कटौती के पीछे सरकारी खजाने की खराब माली हालत और कोरोना कॉल में सरकार की प्राथमिकताएं बदल ना माना जा रहा है
इलाज की जरूरत
नशा करने वाले बच्चों में 10 से 17 साल के किशोर ज्यादा है इन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है यह बच्चे रेलवे स्टेशन बस स्टैंड सार्वजनिक पार्कों में समूह बनाकर नशा करते पाए जाते हैं
कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे एक तरफ माफिया पर कड़ी कार्रवाई करें वहीं दूसरी और युवाओं को जागरूकता के कार्यक्रम भी किए जाएं बच्चों पर भी नजर रखी जाती है
प्रेम सिंह पटेल सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण मंत्री