कु. पूर्वी ने किया मोहगांव हवेली एवं क्षेत्र का नाम रोशन | Ku. Purvi ne kiya mohganv haveli evam shetr ka nam roshan

कु. पूर्वी ने किया मोहगांव हवेली एवं क्षेत्र का नाम रोशन

पूर्वी इसके पहले पेनांग (मलेशिया) एवं आबूधाबी (यूएई) में भी लहरा चुकी हैं परचम

पूर्वी के पापा जागेश भी बोर्ड परीक्षा में रहें थे मध्यप्रदेश में अव्वल

कु. पूर्वी ने किया मोहगांव हवेली एवं क्षेत्र का नाम रोशन

सौंसर (गयाप्रसाद सोनी) - मोहगांव हवेली निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक हरीदास सोमकुंवर की नातिन एवं ओएनजीसी मुंबई के जनरल मैनेजर जागेश सोमकुंवर की पुत्री कु. पूर्वी सोमकुंवर ने आईआईटी बॉम्बे, केमिकल शाखा में चयन कर अपने परिवार, मोहगांव हवेली नगर के साथ साथ पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया. जेईई मुख्य परीक्षा तथा एडवांस परीक्षा में भी कु. पूर्वी पहले ही प्रयास में अच्छे नंबर लेकर सफलता प्राप्त कर चुकी हैं. उसी प्रकार सन् 2010 में पेनांग (मलेशिया) एवं 2015 में आबूधाबी (यूएई) में भी अपना परचम लहरा चुकी हैं. पूर्वी आईएएस अफसर बनकर देश सेवा करना चाहतीं हैं.

कु. पूर्वी ने किया मोहगांव हवेली एवं क्षेत्र का नाम रोशन

         शुरुआत से ही पूर्वी अपने पिता की तरह मेधावी छात्रा रहीं हैं. सीबीएसई 10 वीं एवं 12 बोर्ड परीक्षा में मेरीट रहने के साथ साथ पूर्वी ने सन् 2010 में पेनांग (मलेशिया) में Abacus (mental arithmetic) प्रतियोगिता में 29 देशों के बच्चों में से सर्वोच्च स्थान (चैम्पियन ऑफ चैंपियन्स) पाकर अपने देश का नाम रोशन किया था. वह यह प्रतियोगिता जीतने वाली भारत की पहली छात्रा है. सन् 2015 में पूर्वी ने अबू धाबी (यूएई) में अंग्रेजी भाषा की 'स्पेलिंग बी' परीक्षा में भी 'इंटरनेशनल बडिंग स्टार' नामक पुरस्कार पाकर उच्च स्थान हासिल किया था. पूर्वी ने अभी तक की पढ़ाई तथा विभिन्न शैक्षिक प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पदक, पुरस्कार, छात्रवृत्ति तथा प्रमाण पत्र हासिल किए जो क्षेत्र के सभी छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. अपने पिता की भारत के विभिन्न प्रदेशों में नौकरी के चलते पूर्वी ने विभिन्न ओलंपियाड परीक्षाओं जैसे आईएमओ, आईईओ, एनसीओ, एनएसओ तथा एनएसटीएसई में भी अव्वल नंबर पाकर खूब नाम कमाया. इन परीक्षाओं में पूर्वी ने सम्पूर्ण उत्तर-पूर्व राज्यों में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. आपने पिता की तरह पूर्वी को भी सामाजिक कार्यों में हमेशा रुचि रही है. उसने बचपन में नागपूर के एक अनाथाश्रम में तथा असम वास्तव्य के दौरान ओएनजीसी कॉलोनी में कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों को Abacus तथा अंग्रेजी भाषा की निशुल्क कोचिंग दी. उसी प्रकार पूर्वी ने हाल ही में (लॉकडाउन काल में) विभिन्न विषयों पर वेबिनार्स  (ऑनलाइन कार्यक्रमों) के माध्यम से देश-विदेश के सैकड़ों छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया है.

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