वर्षों की अधुरी आस, पूरी हुई विधायक के हस्तें - कुंवर लाल जमदू | Varsho ki adhuri aas puri hui vidhayak ke haste

वर्षों की अधुरी आस, पूरी हुई विधायक के हस्तें - कुंवर लाल जमदू

वर्षों की अधुरी आस, पूरी हुई विधायक के हस्तें - कुंवर लाल जमदू

बैतूल (यशवंत यादव) - आज पूरे मध्य प्रदेश भर में सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं प्रति दिवस सेवा कार्यक्रम के तहत 19 सितंबर 2020 को समूचे मध्यप्रदेश में "वनाधिकार उत्सव "कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी तारतम्य में जनपद पंचायत आमला जिला बैतूल मैं क्षेत्रीय विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे एवं जनपद पंचायत आमला के प्रभारी सीईओ दानिश अहमद खान तथा अन्य जनप्रतिनिधि गण की उपस्थिति में वनाधिकार पट्टों का वितरण किया गया जिसमें प्रमुख रुप से तत्काल में स्वीकृत हुए 18वना अधिकार पत्रों का संबंधित आवेदक को प्रदाय किया गया। ग्राम पंचायत लादी-3,हरदोली-12,खांड़ेपिपरिया-2,कोठिया-1शामिल हैं।


वन अधिकार उत्सव कार्यक्रम मैं जनपद सीईओ श्री खान द्वारा बताया गया कि कुल वनाधिकार अंतर्गत जनपद पंचायत आमला में 13 ग्राम पंचायत के 18 ग्राम में कुल 216 दावा प्रकरण तैयार किए गए जिसे वर्तमान में शासन स्तर द्वारा दस्तावेजों के आधार पर 24 प्रकरणों को मान्य कर लिया गया है 192 प्रकरण अमान्य है 24 में से आज 18 हितग्राहियों को पट्टा वितरित किए जा रहे हैं।

इसके पश्चात माननीय क्षेत्रीय विधायक डॉ पंडाग्रे जी द्वारा अपने उद्बोधन में बताया कि भारतीय जनता पार्टी कि मध्य प्रदेश सरकार गरीब आदिवासी पिछड़े वर्गों की सरकार है जो हमेशा दीन हीन की सेवा में अपना सर्वस्व समर्पित करती है उसी सोच विचार का प्रतिफल है कि आज कई वर्षों से गरीबों के द्वारा वन भूमि पर कृषि कार्य कर अपना भरण-पोषण किया जा रहा था परंतु इन शोषितों को किसी सरकार ने इनके वन भूमि का अधिकार नहीं दिया मालिकाना हक प्रदान नहीं किया परंतु भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान गरीबों के बारे में सोचते हैं जिसका प्रतिफल आज सबके सामने हैं।

वन अधिकार पट्टे प्रमाण पत्र प्राप्त करने आया दिव्यांग श्री कुंवर लाल जमदु से विधायक महोदय एवं जनपद सीईओ अन्य जनप्रतिनिधि द्वारा पट्टे प्राप्त होने के उपरांत कैसा महसूस कर रहे हैं इस तरह पूछा जाने पर उसकी आंखें भर आई एवं भीगी नम आंखों से उन्होंने कहा कि साहब पिछली दो पीढ़ी की अधूरी प्यास को आपने अपने हाथ से यह प्रमाण पत्र प्रदान कर मालिकाना हक देकर आत्मा तृप्त कर दी।

निश्चित तौर पर भूमिहीन दीन हीन होने का दर्द सिर्फ वह गरीब ही समझ सकता है क्योंकि जब वह किसी सरकारी वन भूमि छोटे झाड़ बड़े झाड़ की जमीन को साफ सफाई कर जुताई करके कोदो कुटकी व अन्य फसल उगा कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है परंतु उसके पास उस जमीन का जब कोई मालिकाना हक नहीं रहता है तो उसे सदैव यह डर बना रहता है की कब वन विभाग राजस्व विभाग उसे इस जमीन से बेदखल कर दे। पर उसके हाथ में आज यह प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर हमेशा के लिए यह डर खत्म हो गया।

*ओबीसी एवं अनुसूचित जाति वर्ग के 90 प्रतिशत से अधिक गरीब आज भी पट्टे से है वंचित.....*

वनाधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत वनाधिकार दावे प्राप्त किए जाते रहे हैं परंतु ओबीसी एवं अनुसूचित जनजाति के गरीब आज भी वन अधिकार पट्टे अपने मालिकाना हक से वंचित है क्योंकि वन अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार दोनों वर्ग एवं सामान्य वर्ग के गरीब दीन हीन जो कई पीढ़ियों से वनाधिकार भूमि पर काबिज है उससे अपना जीवन यापन कर रहे हैं परंतु शासन के नियमानुसार 2005 की स्थिति में उस आवेदक के पास 75 साल पुराना वैध रिकॉर्ड होना अनिवार्य है या उस पर राजस्व या वन विभाग द्वारा कोई जुर्माना अधिरोपित किया हो, एवं उसके परिवार के किसी भी सदस्य के पास किसी भी प्रकार की कोई भूमि नहीं होना चाहिए। उक्त नियम में फंस कर बेचारे इन वर्गों के दिन ही न गरीब वनवासी आज भी पट्टे से 99% दावा सामान्य होकर वंचित हो गए परंतु सरकार की ओर आशा भरी नजरों से आज भी देख रहे।

*कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे जनपद सदस्य एवं भाजपानगर मंडल के अध्यक्ष रामकिशोर देशमुख , ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष यशवंत यादव, विधानसभा प्रभारी नरेंद्र गढ़े कर, मोरखा मंडल अध्यक्ष यदुराज, पूर्व जनपद अध्यक्ष पति दिवाकर मराठे जी, नगर पालिका आमला के अध्यक्ष पति अशोक नागले,जगदीश परमार, अमुना यादव, हरि यादव, गणेश यादव, सुभाष पुंड़े, रामपाल मोड़क, लखन यादव,मीडिया प्रभारी राकेश धामोड़े, तथा जनपद पंचायत के सीईओ श्री खान ,पंचायत इंस्पेक्टर एसआर नागले, केआर डोंगरे ,विमल बछले उपस्थित रहे*।

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