सिंधी कालोनी स्थित हिन्दुजा हॉस्पिटल को जिला प्रशासन ने कंटेन्मेंट एरिया घोषित करते हुए सील कर दिया
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - दरअसल पिछले दो दिनों में जो मरीज हिन्दुजा हॉस्पिटल से जिला चिकित्सालय में रेफर किये गए, उन्हें सारी वार्ड में रखा जाकर , संदिग्ध मरीजो की जांच ट्रू नॉट मशीन से करवाई गई।
जांच में तीनों मरीज कोरोना पॉजिटिव निकले, जो हिन्दुजा हॉस्पिटल से रेफर होकर आये थे।
इसके बाद हरकत में आये जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच हेतु हिन्दुजा हॉस्पिटल भेजा।
जहाँ हॉस्पिटल स्टॉफ ऒर मरीजो की कोरोना जांच हेतु कुल साहठ सेम्पल लिए गये।
इस दौरान निजी हॉस्पिटल में हड़कम्प मचा रहा। निजी हॉस्पिटल में कोरोना प्रवेश की ख़बर फैलते ही , हॉस्पिटल में भर्ती 26 मरीजों में से सभी एक एक करके हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर चले गए।
हिन्दुजा हॉस्पिटल की चहल-पहल अचानक वीराने में बदल गई।
जिला चिकित्सालय के महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर योगेश शर्मा ने बताया कि हिन्दुजा हॉस्पिटल के स्टॉफ में से कुल पांच कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकले।
यह कोरोना पॉजिटिव चिकित्सा कर्मी ही निजी हॉस्पिटल में उपचार के दौरान, मरीजो को कोरोना की बीमारी मुफ्त में बांट रहे थे।
जांच रिपोर्ट आने के पश्चात जिला प्रशासन ने हिन्दुजा हॉस्पिटल को सील करते हुए , क्षेत्र को कंटेन्मेंट एरिया घोषित कर दिया।
लेकिन ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है।
पहला सवाल- की इस निजी हॉस्पिटल में कोरोना पॉजिटिव मरीजो के इलाज की अनुमति किसने दी।
दूसरा सवाल- कोरोना पॉजिटिव मरीज़ का इलाज़ करने वाले निजी हॉस्पिटल प्रबंधन , जिसने की कोविड-19 के नियमो का उल्लंघन किया, उसके खिलाफ कार्यवाही क्यों नही की गई।
जबकि होना यह चाहिए था कि संदिग्ध मरीज़ मिलते ही उसे जिला चिकित्सालय के सारी वार्ड भेजा जाना चाहिए। लेकिन संदिग्ध मरीज़ को सारी वार्ड में भेजने के बजाय अपने निजी चिकिसालय में उसका उपचार किया जाना, नियम विरुद्ध होकर निजी लाभ लेने की श्रेणी में आता है।
गौरतलब है कि जिले के रहवासी इलाको में नियम विरुद्ध चल रहे व्यवसायिक निजी चिकित्सालयो के खिलाफ जिले में कभी भी ठोस कार्यवाही नही की गई।
यही वजह रही कि इनके हौसले बुलंद है।
जिला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे निजी चिकित्सालय की सम्पूर्ण जांच की जावे। जो अनुमति विरुद्ध अधिक बेड लगाकर, अधिक मशीने लगाकर व्यवसाय कर रहे है।
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