बसे बन्द होने से यात्रियों ओर मजबूर लोंगो का गलत फायदा उठाकर ज्यादा भाड़ा वसूल कर रहे है ऐपे चालक
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - प्रदेश सरकार ने बसों के संचालन के आदेश जारी कर दिए है। फिर भी बसे चल नही रही है, क्यो की बसों के चालक परिचालक बसे चला नही रहे है। उनकी भी मांग जायज है कि हमको कोरोना काल का कुछ फायदा नहीं मिला, जो कि उनको मिलना चाहिए था। बसे बंद होने से ऑटो चालकों द्वारा गरीब ओर भोली भाली जनता को लूटा जा रहा है। अधिक दाम वसूला जा रहा है, लोणी, बहादरपुर, रावेर का किराया आम दिनों में 10 रुपये से 25 रुपये था। वह आज इन ऑटो वालो की गुंडा गर्दी ओर प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं देने से तीन से चार गुना अधिक भाड़ा वसूली की जा रही है। लोणी बहादरपुर से बुरहानपुर का किराया 10 रुपये लिया जाता था। पूरे लॉक डाउन खुलने के बाद से 20 रुपये प्रति सवारी के हिसाब से डबल भाड़ा वसूला जा रहे हैं आम जनता से ओर प्रशासन के नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए 5 सवारी से अधिक बैठाई जा रही है, ऑटो वाला किसी भी सवारी को मास्क पहनने का कहता नहीं है, और न ही सेनेटाइजर से हाथ धुलवा रहा है। ऐसे में कमाई करने के चक्कर मे एक दूसरे से संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है, फिर भी सावधानियां जरूरी है जो कि प्रशासन द्वारा शख्ती से ही मुमकिन है।
लोंगो के पास आवाजाही के लिए या तो मोटरसाइकिल है या फिर कार, पर गरीब लोगों को तो ऑटो, ऐपे ही एक साधन है। इसलिए दोगुने रेट से ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर है। बसे बन्द होने से लोंगो की मजबूरी का गलत फायदा उठाकर ऐसे ऑटो, ऐपे चालक गरीबो को लूटने में लगे है। शाषन प्रशासन को ऐसे ऐपे चालको को समझाइश दी जाना चाहिए और ज्यादा किराया वसूल करने वालों पर कार्यवाही करनी चाहिए। बहोत समय से यह खेल चल रहा है, रावेर से बुरहानपुर आने के लिए रावेर से ऐपे में बैठकर लोणी चेक पोस्ट तक आ रहे है, रावेर से बुरहानपुर की दूरी लगभग 20 किलोमीटर की है। सामान्य दिनों में किराया 20 से 25 रुपये एक सवारी का लेते है। लेकिन वर्तमान में एक यात्रि से 100 रुपये तक किराया वसूला जा रहा है। लोणी चेक पोस्ट से महाराष्ट्र के ऐपे चालको को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, इसलिए चेक पोस्ट पर ही सवारियों को उतार दिया जाता है। अब वहां से पैदल चलकर लोग सिमा में प्रवेश करते है, फिर बुरहानपुर जिले के ऐपे चालक खड़े रहते है। लोणी से बुरहानपुर की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है, पर ऐपे चालको द्वारा 1 सवारी के उनसे 50 रुपये वसूला जा रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन को कार्यवाही करने की जरूरत है। लोंगो की मजबूरी का फायदा उठाने वालों पर यातायात पुलिस के जवानों द्वारा जांच कर कार्यवाही करनी चाहिए। ओर ऐसे ऑटो, ऐपे चालको को यात्रियों से तय किराए से ज्यादा रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ना चाहिए। इस प्रकार यातायात पुलिस द्वारा कार्यवाही होने से सेकड़ो मजबूर लोंगो के रुपये बच सकते है।
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